विधानसभा हलका बरनाला में उपचुनाव से पहले आज हलके की राजनीति में नाटकीय बदलाव देखने को मिला। जब माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर लगभग एक वर्ष बाद बहाल हुए नगर परिषद अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और सांसद गुरमीत सिंह मीत के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए।
नगर परिषद अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर के नेतृत्व में गुरजीत सिंह ने कांग्रेस छोड़ झाड़ू थाम ली। अपने इस कदम से गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपने विरोधियों को बड़ा सियासी झटका दिया है। इससे राजनीतिक माहौल में एक नई दिशा देखने को मिल रही है, क्योंकि गुरजीत सिंह के शामिल होने को आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक फायदा माना जा रहा है।
उपाध्यक्ष के चुनाव पर भी असर पड़ेगा
उधर, नगर कौंसिल बरनाला के उपाध्यक्ष का चुनाव हुए काफी समय हो गया था, जिसे लेकर 18 नगर पार्षदों ने माननीय हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और माननीय हाई कोर्ट के निर्देश पर 17 सितम्बर को उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर जिला प्रशासन की बैठक हुई, लेकिन 16 सितम्बर को गुरजीत सिंह के पक्ष में फैसला आने के कारण नगर निगम पार्षदों का मनोबल ऊंचा हो गया और जिला प्रशासन 24 सिम्बर तक चुनाव इसे स्थगित कर दिया। आगामी आम चुनाव को लेकर सत्ताधारी पार्टी के लिए उपाध्यक्ष का चुनाव बेहद अहम हो गया था, लेकिन आज अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से सारे समीकरण बदल गए हैं। गुरजीत सिंह रामनवासियां को आम आदमी पार्टी में शामिल कराकर सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने जहां विरोधियों को तगड़ा सियासी झटका दिया है, वहीं पार्टी के भीतर भी उनका कद बढ़ा दिया है।
धरी की धरी रह गई तैयारियां
यहां यह भी बताने योग्य है कि गत दिन गुरजीत सिंह रामनवासिया के साथ खड़े नगर निगम पार्षदों द्वारा उन्हें फिर से चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही थीं और उनके कार्यालय में अच्छी लाइटिंग की जा रही थी, गुरजीत सिंह राम निवासी गत दिन जालंधर गए थे और दोपहर में उनके कार्यभार संभालने को लेकर चर्चा हुई। जिसको लेकर नगर परिषद में फूल मालाएं और गुलदस्ते भी मंगवाए गए थे, लेकिन गुरजीत सिंह रामनवासिया बरनाला नहीं पहुंचे और आज जब नगर परिषद को पता चला कि अध्यक्ष आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं तो उनका मुंह खुला का खुला रह गया।
राजनीतिक भविष्य पर असर
यह सियासी फेरबदल बरनाला उपचुनाव को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है। गुरजीत सिंह के आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पार्टी समर्थकों में नई जान फूंक दी है। इससे राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ गई है और आम आदमी पार्टी की स्थानीय पकड़ मजबूत हो गई है। यह बदलाव राजनीतिक माहौल पर क्या असर डालेगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन गुरजीत सिंह का आम आदमी पार्टी में आना कांग्रेस के लिए बड़ा राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है।