पंजाब पुलिस में 52 कर्मचारियों को डिसमिस करने के बाद अब प्रशासनिक हलकों में ‘सफाई’ करने का नंबर लगने वाला है।पंजाब सरकार के आदेशों पर डी.जी.पी. गौरव यादव ने राज्य के सभी जिलों से भ्रष्ट पुलिस तत्वों को बर्खास्त कर दिया था।
अब राज्य के मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने भी सभी सरकारी प्रशासनिक विभागों के सचिवों व मुख्य अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि फाइलों को लटका कर नहीं रखा जाना चाहिए। मुख्य सचिव ने आई.ए.एस., पी.सी.एस. तथा अन्य जूनियर रैंक के अधिकारियों को कहा है कि अगर वह सरकारी काम में जानबूझ कर रुकावट पैदा करते हैं या फाइलों को पैंडिंग रखते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। मुख्य सचिव ने सभी विभागों के मुखियों को आदेश दिए हैं कि वह ऐसे अधिकारियों की पहचान करके उनकी ए.सी.आर. तैयार करें और तुरन्त कार्रवाई के लिए उसे पेश किया जाए। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा अभियान शुरू किया है क्योंकि भ्रष्टाचार के कारण सरकार की छवि जनता में प्रभावित हो रही है। इसमें बिजली विभाग विशेष रूप से पावर कार्पोरेशन का नाम आगे आ रहा है जिसमें बिजली अधिकारियों द्वारा आम जनता को विशेष रूप से इंडस्ट्री को तंग करने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं।
अब चूंकि मौजूदा सरकार के पास केवल 2 वर्षों का समय बचा है और इस दौरान उसे अपनी छवि को ठीक करना होगा। सबसे पहले प्रशासनिक कार्यालयों की कार्य प्रणाली को सुधारना होगा क्योंकि सरकारी दफ्तरों में आम लोगों की फाइलों को क्लीयर नहीं किया जाता है जिससे भ्रष्टाचार जन्म लेता है। इसी तरह से लोकल बाडी विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतें सामान्य बात हो गई है और इस भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए कार्पोरेशनों में सफाई अभियान चलाना होगा। कार्पोरेशनों में भी फाइलों को क्लीयर नहीं किया जाता है। संभवत: मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इस संबंध में आने वाले दिनों ेमें एक्शन लिया जाए और लोकल बाडी विभाग व पावर कार्पोरेशन की कारगुजारी को भी पटरी पर लाने के लिए पहल की जाए।