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राहुल और प्रियंका गांधी को संभल पहुंचने से पहले ही यूपी बॉर्डर पर रोकने की तैयारी में पुलिस

लोकसभा (Lok Sabha) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of the Opposition) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) बुधवार को संभल (Sambhal) के दौरे पर जाने की तैयारी में हैं. वे पिछले दिनों हुई हिंसा में मारे गए लोगों से मुलाकात करने के इरादे से जाना चाहते हैं. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने संभल में 10 दिसंबर तक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रवेश पर बैन है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “राहुल और प्रियंका बुधवार को स्थिति का जायजा लेने और पीड़ितों से मिलने के लिए संभल पहुंच सकते हैं.”

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने कहा, “राहुल गांधी का संभल जाने का कार्यक्रम है. इस यात्रा का मकसद इलाके में सद्भाव और भाईचारा पैदा करना है. वे पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, मैं और अन्य पार्टी सांसद उनके साथ जाएंगे. प्रियंका गांधी भी आ रही हैं.”

लोकल प्रशासन मुस्तैद
संभल के जिला मजिस्ट्रेट (SM) राजेंद्र पेंसिया ने कहा, “एक जांच आयोग शहर में हिंसा के पीछे की वजहों की जांच कर रहा है. उनके 10 दिसंबर तक यहां रहने और बड़ी तादाद में लोगों से मिलने की उम्मीद है. हम इस अवधि के दौरान बाहर से किसी भी राजनेता या सामाजिक कार्यकर्ता को यहां आने की छूट नहीं दे सकते. यह शांति और सद्भाव के हित में है.”

राहुल और प्रियंका के संभले जाने की खबर से स्थानीय प्रशासन पूरी तरह एक्टिव नजर आ रहा है. डीएम राजेंद्र पेंसिया ने राहुल गांधी के प्रस्तावित दौरे को लेकर बुलंदशहर, अमरोहा, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कप्तानों और प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिखकर उन्हें अपने जिले की सीमा पर ही रोकने के लिए कहा है. उन्होंने पड़ोसी जिलों के अधिकारियों से कहा है कि वे राहुल गांधी की संभल आने की गतिविधियों पर सतर्क निगाह रखें. जिला प्रशासन ने संभल में धारा 163 का हवाला दिया है, जिसके तहत किसी भी धार्मिक, राजनीतिक जुलूस, सार्वजनिक कार्यक्रम, एक स्थान पर एक साथ पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के संभल दौरे पर संभल के एसपी ने कहा, “सभी जनप्रतिनिधियों से 10 दिसंबर तक संभल न आने की गुजारिश की गई है. इस संबंध में उन्हें संदेश भेजा गया है. उन्हें संभल में 138 बीएनएस के क्रियान्वयन से भी अवगत कराया गया है. मुझे उम्मीद है कि वे यहां शांति बनाए रखने में हमारा सहयोग करेंगे.”

दिल्ली के बॉर्डर पर ही रोकने की तैयारी में पुलिस
जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी को दिल्ली में ही रोकने तैयारी की जा रही है. प्रशासन की तैयारी है कि राहुल और प्रियंका दिल्ली से ही संभल नहीं जाने दिया जाएगा, उत्तर प्रदेश की सीमा में नहीं घुसने दिया जाएगा. वहीं, राहुल गांधी के संभल जाने पर गाजियाबाद पुलिस भी अलर्ट पर है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद के तमाम बोर्डर पर पुलिस तैनात रहेगी.

कांग्रेस का पलटवार
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने जिलाधिकारी के पत्र जारी करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है और पुलिस तंत्र का खुला दुरुपयोग है.”

संसद में उठा संभल का मुद्दा
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाते हुए संसद में कहा, “संभल में हजारों साल से लोग साथ में रहते आए हैं. वहां के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है. अचानक जो ये घटना हुई है. ये सोची-समझी साजिश के तहत वेल प्लान्ड थी. वहां जो खुदाई या खुदाई की बात बीजेपी और उनके समर्थक करते हैं, ये खुदाई हमारे देश का सौहार्द, भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब को खो देगा. संभल की घटना को सोची-समझी साजिश बताते हुए कहा कि ये सरकार संविधान को नहीं मानती है.”

अखिलेश यादव ने कहा, “संभल का माहौल बिगाड़ने में याचिका दायर करने वाले लोगों के साथ पुलिस के लोग भी जिम्मेदार हैं. इनके खिलाफ हत्या का मामला चलाना चाहिए, जिससे लोगों को इंसाफ मिल सके और आने वाले समय में कोई अधिकारी ऐसा करने की हिमाकत न कर सके. उन्होंने आगे कहा कि ये लड़ाई दिल्ली और लखनऊ की है. कभी दिल्ली पहुंचे थे जिस रास्ते पर, उसी रास्ते पर लखनऊ वाले पहुंचना चाहते हैं.

संभल नहीं जा सका था SP का डेलिगेशन
इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के निर्देश पर एसपी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल संभल का दौरा करने जाने वाला था लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी थी.

इसके बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “प्रतिबंध लगाना बीजेपी सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है. ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता. बीजेपी जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए. बीजेपी हार चुकी है.”

सोमवार को यूपी कांग्रेस नेताओं की एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम भी संभल जाना चाह रही थी लेकिन पुलिस ने उन्हें लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पर ही रोक दिया था.

क्या है पूरा मामला?
24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद के बाहर स्थानीय लोगों की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी, जब कोर्ट के आदेश के बाद संभल की जामा मस्जिद का सर्वे करने ASI की एक टीम पहुंची थी. इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. हिंसा के बाद चार दिनों तक बाजार बंद रहे और इलाके में तनाव का माहौल बना रहा. संभल प्रशासन ने जिले में हालात सामान्य करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. पुलिस उपद्रवियों की पहचान में जुटी है. अभी तक 300 से ज्यादा आरोपियों के पोस्टर जारी किए जा चुके हैं.

दरअसल, हिंदू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके दावा किया था कि संभल की शाही जामा मस्जिद, श्री हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का दावा है कि बाबर ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण करवाया था. हिंदू पक्ष की इन दलीलों पर संभल की अदालत ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था, जिसके बाद से ही इलाके में बवाल मचा हुआ है.