प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जी-7 शिखर सम्मेलन (G-7 summit) में भाग लेने के लिए इटली (Italy) की यात्रा पूरी कर भारत (India) वापस आ चुके हैं। उनकी यह यात्रा कई मायने में खास रही है। इस दौरान उन्होंने जापान (Japan) के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Prime Minister Fumio Kishida) के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। उन्होंने जापान को यह भरोसा दिलाया कि अपने तीसरे कार्यकाल में भी वह जापान के साथ संबंधों को प्राथमिकता देते रहेंगे।
केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि भारत और जापान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं, जिसमें ऐतिहासिक मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना भी शामिल है। बुलेट ट्रेन परियोजना में पांच साल की देरी होने की खबर के बीच जापानी अधिकारियों ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि सभी खंडों पर काम शुरू हो गया है और वे प्रगति से संतुष्ट हैं।
जापान के अनुसार, परियोजना को लेकर सभी अनिश्चितताएं दूर हो गई हैं। प्रधानमंत्री मोदी और किशिदा ने 2022-2027 के बीच में भारत में 5 ट्रिलियन येन के जापानी निवेश के लक्ष्य को अंजाम तक पहुंचाने की दिशा में बात की। उन्होंने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी अपने 10वें वर्ष में है और उन्होंवे संबंधों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
आपको बता दें कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने शनिवार को दक्षिणी इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन का आधिकारिक रूप से समापन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी वार्ता का जिक्र किया। दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर चर्चा की। सात औद्योगिक देशों के समूह की अध्यक्षता करने वाले देश के रूप में इटली ने भागीदार देशों अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जापान, जर्मनी, फ्रांस और यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं की मेजबानी की।