प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने शनिवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी (Senior BJP leader Murli Manohar Joshi) से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ( PM Narendra Modi) ने जोशी के साथ की तीन तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा, “आज आदरणीय मुरली मनोहर जोशी जी का मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिला। उनसे मिलकर मेरे जैसे हर कार्यकर्ता को हमेशा एक नई ऊर्जा मिलती है।”
जानकारी के लिए बता दें कि मुरली मनोहर जोशी भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। वह केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री भी थे। इससे पहले नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी कार्यक्रम के दौरान पीएम के साथ मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने स्कूली बच्चों से मुलाकात की थी और उनके द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट्स देखे थे।
अखिल भारतीय शिक्षा समागम को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 21वीं सदी के भारत को नई दिशा देने वाली है। हम उस क्षण का हिस्सा बन रहे हैं जो हमारे देश के भविष्य के निर्माण की नींव रख रहा है। पीएम ने विकसित भारत के लिए शिक्षा के महत्व पर बात की।
शिक्षा में है देश के भाग्य को बदलने की ताकत
पीएम मोदी ने कहा, “आज 21वीं सदी का भारत, जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का बहुत ज्यादा महत्व है। शिक्षा में देश को सफल बनाने और देश का भाग्य बदलने की ताकत होती है। एक ओर हमारी शिक्षा व्यवस्था भारत की प्राचीन परम्पराओं को सहेज रही है तो दूसरी तरफ आधुनिक साइंस और हाईटेक टेक्नोलॉजी की फील्ड में भी हम उतनी ही तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”
पीएम का इस तरह हाथ जोड़कर खड़े होना क्या बताता है?
बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी 89 साल के हैं। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया। पीएम की इस मुलाकात की मंशा ट्वीट से साफ जाहिर हो जाती है। उन्होंने लिखा- ‘आज आदरणीय मुरली मनोहर जोशी जी का मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिला। उनसे मिलकर मेरे जैसे हर कार्यकर्ता को हमेशा एक नई ऊर्जा मिलती है।’ प्रधानमंत्री का जोशी से मिलना और उनके सामने इस तरह हाथ जोड़कर खड़े होना बहुत कुछ बताता है। इस तरह से तभी कोई खड़ा होता है जब वह दूसरे के प्रति बहुत सम्मान व्यक्त करना चाहता हो। पीएम मोदी ने वही किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तस्वीर के जरिये बड़ा मैसेज दिया। इसके जरिये उन्होंने दिखाया कि बड़ों के मार्गदर्शन का कितना महत्व है। आज के समाज में जब लोग बड़ों-बुजुर्गों को तवज्जो नहीं देते हैं, उसमें प्रधानमंत्री का ऐसा करना कई लोगों को प्रेरणा देगा। प्रधानमंत्री अपनी छोटी-छोटी बातों से बड़ा मैसेज देने के लिए जाने जाते हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह मुरली मनोहर जोशी से मिलने पहुंचे थे। मुलाकात के बाद मुरली मनोहर जोशी ने कहा था- यह पार्टी की परंपरा है। हम वयोवृद्ध से शुभकामनाएं लेते हैं ताकि भविष्य में और शक्ति के साथ काम कर सकें। इसी दृष्टि से प्रधानमंत्री और अध्यक्ष यहां आए थे। दोनों ने करिश्माई आंकड़ा हासिल किया। हमने पार्टी का बीज लगाया था। अब देश को स्वादिष्ट फल दिलाना इन दोनों की जिम्मेदारी है। जोशी से यह पूछे जाने पर कि मोदी उनके यहां 15 मिनट रहे तो उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री मेरे यहां महीनों रहे हैं, 15 मिनट तो बेहद कम हैं।
मुरली मनोहर जोशी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक एकता यात्रा निकाली थी। यह बात 1991 की है। इसके तहत श्रीनगर पहुंचकर लाल चौक पर झंडा फहराया जाना था। इस दौरान उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी थे। कह सकते हैं कि वह इस पूरी यात्रा के सारथी थे। उन पर यात्रा की व्यवस्था की जिम्मेदारी थी। जोशी ने कहा था कि वे लोग 26 जनवरी को तिरंगा फहराना चाहते थे। लोगों के पास वहां तिरंगा ही नहीं था। लोगों ने बताया कि यहां तिरंगा नहीं मिलता है।
विदित हो कि मुरली मनोहर जोशी बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। 1980 और 1990 के दशक के अंत में वह पार्टी के चोटी के नेताओं में शामिल थे। 1953-54 में जोशी ने राजनीति में गाय बचाओ आंदोलन के साथ कदम रखा था। इस कुंभ किसान आंदोलन में भू-राजस्व मूल्य कम करने पर जोर दिया गया था। इमरजेंसी के दौरान 1975 में जोशी पर मुकदमा भी चला। मुरली मनोहर जोशी 7 बार मध्यप्रदेश से भी लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। 1977-2014 तक लगातार सात सालों तक इन्होंने उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की। इलाहाबाद विश्वविधालय में वह प्रोफेसर रह चुके हैं।