पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में पूर्व प्रधानमंत्री नावाज़ शरीफ के दामाद मोहम्मद सफ़दर की गिरफ्तारी को लेकर बने हालात के बाद वहां ‘गृह युद्ध’ (Civil War) छिड़ने की अफवाहें फैल गईं। दरअसल सिंध पुलिस ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि सफ़दर की गिरफ़्तारी के आदेश जारी कराने के लिए पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों ने सिंध पुलिस चीफ को किडनैप कर लिया था। इन आरोपों के बाद पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
सिंध पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि 18/19 अक्टूबर की रात को सेना के जवानों ने आईजी सिंध को जबरदस्ती घर से उठा लिया और उन्हें मोहम्मद सफ़दर की गिरफ्तारी के आदेश पर दस्तखत करने के लिए मजबूर भी किया गया।
पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि सिंध पुलिस इन व्यवहार से काफी आहत है जबकि आईजी ने विरोध दर्ज कराने के लिए अनिश्चितकालीन के लिए छुट्टी पर जाने का फैसला लिया है। इस ट्वीट के बाद पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद मुहम्मद सफदर की गिरफ्तारी की जांच का आदेश दिया है। सफदर को सोमवार को कराची में उनके होटल के कमरे से गिरफ्तार किया गया था।
दूसरी ओर सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सेना प्रमुख ने कराची कोर कमांडर को तत्काल घटना की जांच करने और जितनी जल्दी हो सके रिपोर्ट सौंपने को कहा है। बयान में हालांकि यह नहीं स्पष्ट किया गया है कि उन्होंने किस घटना की जांच कराने को कहा है, लेकिन, इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने प्रशासन से सफदर की गिरफ्तारी से जुड़ी घटनाओं की जांच कराने की मांग की थी।
इस बीच ट्विटर पर द इंटरनेशल हेराल्ड ने बताया कि सिंध पुलिस और पाकिस्तान सेना के बीच इस दौरान गोलीबारी भी हुई, जिसमें कराची के 10 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। इस गोलीबारी के बाद वहां ‘गृह युद्ध’ छिड़ गया है। हालांकि पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने ऐसी कोई खबर नहीं दी है।
दरअसल सफदर और उनकी पत्नी पीएमएल-नवाज की उपाध्यक्ष मरयम नवाज पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैली में भाग लेने के लिए कराची आई थीं। इसी दौरान सफदर को उनके होटल के कमरे से गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, जल्द ही उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। बिलावल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सिंध पुलिस के सभी शीर्ष अधिकारी इस बात से हैरान थे कि वे कौन लोग थे, जिन्होंने पुलिस प्रमुख के मकान को घेर रखा था और सफदर की गिरफ्तारी से पहले उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गए।
पाकिस्तानी अखबार इंटरनेशनल हेराल्ड ने भी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि 18/19 अक्टूबर की रात कराची में सिविल वार जैसी स्थिति बन गई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना और सिंध पुलिस के बीच कई जगह फायरिंग भी हुई थी जिसमें 10 अफसरों की मौत हो गई। बाद में सफ़दर को गिरफ्तार कर लिया गया था। बता दें कि पाकिस्तान सरकार विरोधी रैली करने पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरयम नवाज और पार्टी के दो हजार से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। 16 अक्टूबर को हुई इस रैली में मरयम ने सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री इमरान खान को कायर, मनोनीत और कठपुतली कहा था। इस रैली का आयोजन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की ओर से किया गया था।