पंजाब कैबिनेट ने पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए राज्य में पंजीकृत पुराने परिवहन/गैर-परिवहन वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का फैसला किया है। दरअसल, 15 वर्ष से अधिक पुराने निजी वाहनों और 8 वर्ष से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों के मालिकों को अब इन्हें पंजाब की सड़कों पर चलाने के लिए ग्रीन टैक्स देना होगा। सूत्रों के अनुसार इस कदम का उद्देश्य वाहन मालिकों को स्वेच्छा से अपने पुराने वाहनों को कबाड़ में डालने के लिए प्रोत्साहित करना है क्योंकि सरकार ने अभी तक राज्य में इन वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगाया है।
नॉन कमर्शियल वाहनों के लिए, वार्षिक ग्रीन टैक्स इस प्रकार होगा:
दोपहिया वाहन: 500 रुपये
पेट्रोल वाहन (1500 CC से कम): 3,000 रुपये
डीजल वाहन (1500 CC से कम): 4,000 रुपये
पेट्रोल वाहन (1500 cc से अधिक): 4,000 रुपये
डीजल वाहन (1500 cc से अधिक): 6,000 रुपये
कमर्शियल वाहनों के लिए दरें इस प्रकार हैं:
8 साल पुरानी मोटरबाइक: 250 रुपए सालाना
मैक्सी कैब: 500 रुपए सालाना
हल्के मोटर वाहन (LMV): 1,500 रुपए सालाना
मध्यम मोटर वाहन: 2,000 रुपए सालाना
भारी वाहन: 2,500 रुपए सालाना
क्या है ग्रीन टैक्स ?
ग्रीन टैक्स, जिसे प्रदूषण कर और पर्यावरण कर भी कहा जाता है, वास्तव में एक उत्पाद शुल्क है, जिन्हें सरकार उन वस्तुओं पर कर लगाकर एकत्रित करती है, जिससे प्रदूषण फैलता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अधिक प्रदूषण फैलाने वाले साधनों के उपयोग के लिए हतोत्साहित करना है, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
साथ ही इससे प्राप्त धन को पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण को कम करने वाले कार्यों के लिए किया जाता है। अगर बात करें वाहनों पर ग्रीन टैक्स की तो यह टैक्स वाहन के आकार और प्रकार के अनुसार होगा।