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NIA का बड़ा खुलासा, घने जंगलों में छिपे हैं आतंकी, हमले से पहले की थी 3 जगहों की रेकी

दक्षिण कश्मीर की शांत वादियों को 22 अप्रैल 2025 की दोपहर एक भीषण आतंकी हमले ने दहला दिया। पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ सुरक्षाकर्मी और पर्यटक भी शामिल थे। घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों ने इतनी बारीकी और रणनीति से योजना बनाई थी कि सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए। अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की शुरुआती जांच में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिसने आतंकी नेटवर्क की गहराई और तैयारी को उजागर कर दिया है।

हमले में शामिल थे चार आतंकी, वर्दी और पारंपरिक कपड़ों में छिपाया चेहरा

एनआईए सूत्रों के अनुसार, हमले में कुल चार आतंकवादी शामिल थे। इनमें से दो मुख्य प्रवेश द्वार से अंदर घुसे, एक निकास द्वार पर तैनात था और चौथा पास के जंगल में नजर रख रहा था। हमले को अंजाम देने से एक हफ्ता पहले यानी 15 अप्रैल को आतंकियों ने इलाके की रेकी की थी। इस दौरान उन्होंने मनोरंजन पार्क समेत तीन स्थानों को निशाना बनाने की योजना बनाई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था सख्त होने की वजह से उन्होंने बैसरन घाटी को चुना।

आतंकियों ने सेना की वर्दी और पारंपरिक कश्मीरी फेरन पहनकर अपनी पहचान छुपाई। हमले की शुरुआत निकास द्वार के पास हुई गोलीबारी से हुई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही लोग जान बचाने के लिए भागे, दो अन्य आतंकी घात लगाकर उन पर टूट पड़े।

भीड़ को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश

जांच में यह बात भी सामने आई है कि आतंकियों ने भीड़ को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश की। उन्होंने लोगों को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब भीड़ ने इसका विरोध किया, तो उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। हमले में सबसे पहले शिकार बने लेफ्टिनेंट विनय नरवाल।

हमले की जगह: चाय और स्ट्रीट फूड स्टॉल बने नरसंहार स्थल

आतंकियों ने सबसे ज्यादा फायरिंग चाय और भेलपुरी के स्टॉल्स के पास की, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। गोलियों की बौछार से कई लोग वहीं ढेर हो गए। इसके बाद आतंकी पार्क के किनारे स्थित दीवार फांदकर फरार हो गए।

जंगलों में छिपे, एन्क्रिप्टेड सिस्टम से करते हैं संपर्क

एनआईए की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि आतंकी अब भी दक्षिण कश्मीर के घने जंगलों में छिपे हुए हैं और पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं। उनके पास भोजन, दवाइयां और जरूरी सामान मौजूद है। उन्होंने किसी भी प्रकार की ट्रैकिंग से बचने के लिए बिना सिम कार्ड वाली एन्क्रिप्टेड संचार प्रणाली का इस्तेमाल किया।

गृह मंत्री अमित शाह का सख्त संदेश: “इंच-इंच मिटा देंगे आतंक”

इस हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “कोई यह न समझे कि हमारे 26 लोगों को मारकर वो ये लड़ाई जीत गए हैं। हम चुन-चुन कर बदला लेंगे। आतंकवाद को भारत की धरती से इंच-इंच मिटा देंगे।”