हरियाणा में इस समय तन को झुलसा देने वाली भीषण गर्मी का प्रकोप बदस्तूर जारी है. ऐसे गर्म मौसम में रिकॉर्ड बिजली की खपत हो रही है, जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने 1400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीद की तैयारियां शुरू कर ली है. वहीं, तब तक मांग को पूरा करने और लोगों को लंबे बिजली कटों से निजात दिलाने के लिए सूबे की नायब सैनी सरकार ने नया फार्मूला खोज लिया है.
इसके तहत, उद्योगों में रात को बिजली आपूर्ति की जाएगी और पिछले साल की तरह इस बार भी खेतों के ट्यूबवेल के लिए दिन में बिजली आपूर्ति देने की तैयारी है. इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकारियों और सीएमओ कार्यालय के अधिकारियों के बीच मीटिंग हो चुकी है और इस पर सीएम नायब सैनी की अंतिम मुहर लगना बाकी है.
धान सीजन में और बढ़ेगी खपत
हरियाणा में आधिकारिक तौर पर 15 जून से धान की बिजाई शुरू होगी. राज्य में बिजली आधारित ट्यूबवेल कनेक्शन की संख्या का आंकड़ा 6 हजार से अधिक है. ऐसे में धान सीजन में कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत बढ़ना लाजमी है. पिछले साल किसानों को राहत देते हुए सरकार ने दिन में बिजली सप्लाई दी थी और इस बार भी सरकार ने किसानों को यही सुविधा देने की तैयारी कर ली है.
सरकार के इस फैसले से रात को बिजली विभाग के पास अतिरिक्त बिजली होगी, तो उसे उद्योंगो के लिए आपूर्ति किया जाएगा. हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद खुद भी उद्योगपतियों से रात में उद्योगों को चलाने की अपील कर चुके हैं. इसलिए संभावना है कि 15 जून तक उद्योगों और कृषि क्षेत्र के लिए बिजली आपूर्ति का नया शेड्यूल जारी हो सकता है.
कहां कितनी है उत्पादन क्षमता
हरियाणा के थर्मल पॉवर प्लांटों की बात करें तो पानीपत थर्मल प्लांट की यूनिट नंबर 6, 210 यूनिट जबकि 7 और 8 की क्षमता 250-250 मेगावाट है. दीन बंधू छोटूराम यमुनागर प्लांट की दो यूनिटों की क्षमता 300-300, खेदड़ की दोनों यूनिटों की 600-600 मेगावाट है. इंदिरा गांधी सुपर थर्मल पावर प्लांट की तीनों यूनिटों की क्षमता 500-500 मेगावाट है और यहां पर हरियाणा का शेयर 50 प्रतिशत है. इसी प्रकार महात्मा गांधी सुपर थर्मल प्लांट की दोनों यूनिट 600-600 मेगावाट की हैं.