महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। ईडी की छापेमारी के बाद अब हसन के खिलाफ कोल्हापुर के शुगर मिल घोटाले के मामले में भी केस दर्ज कर लिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कोल्हापुर के कारोबारी विवेक कुलकर्णी ने मुरगुड पुलिस थाने में हसन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री हसन मुश्रीफ के कोल्हापुर और पुणे स्थित घर पर 11 जनवरी को ईडी (ED) और इनकम टैक्स (Income Tax) के अधिकारियों ने छापा मारा था। यह छापेमारी मुश्रीफ के रिश्तेदारों और बेटी के घर पर भी हुई। इसके पहले भी हसन मुश्रीफ के घर पर इसी तरह की छापेमारी हुई थी। जिसके बाद हसन मुश्रीफ ने आकर स्पष्टीकरण भी दिया था और बताया था कि उनका इस घोटाले से कोई लेना देना नहीं है। मुश्रीफ पर 100 करोड रुपए के घोटाले का आरोप लगा है।
हसन मुश्रीफ पर भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ यह मामला कोल्हापुर के अप्पासाहेब नलावडे शुगर फैक्ट्री से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि इस फैक्ट्री में 98 प्रतिशत पैसा मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इकट्ठा किया गया था। मनी लांड्रिंग का यह आरोप हसन मुश्रीफ पर लगाया गया है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में हसन मुश्रीफ के दामाद मतीन मंगोली का भी पूरा सहभाग है। आरोप है कि कुछ साल पहले यह कारखाना ब्रिक्स इंडिया कंपनी को बेचा गया। खास बात यह है कि ब्रिक्स इंडिया हसन मुश्रीफ के दामाद मतीन मंगोली के स्वामित्व वाली कंपनी है।
सोमैया ने यह भी आरोप लगाया कि शुगर फैक्ट्री को खरीदने के लिए कोलकाता में बंद पड़ी हुई कंपनियों के नाम पर फर्जी एकाउंट बनाए गए और फिर इसकी खरीद की गई है। इन फर्जी बैंक अकाउंट में डाले गए पैसे सीधे मंगोली की ब्रिक्स इंडिया कंपनी को ट्रांसफर हुए। खास बात यह भी है कि ब्रिक्स इंडिया कंपनी के पास इसके पहले किसी भी शुगर फैक्ट्री को चलाने का अनुभव नहीं है। इसके बावजूद यह शुगर फैक्ट्री ब्रिक्स इंडिया कंपनी को सौंपी गई। आरोप है कि कोल्हापुर जिला सहकारी बैंक ने भी उचित तरीके से ऑक्शन की कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया। किरीट सोमैया ने यह भी सवाल किया कि आखिर इस शुगर कारखाने को ट्रांसफर करने के लिए सिर्फ ब्रिक्स इंडिया कंपनी ही क्यों मिली?