10 मार्च को आए विधानसभा चुनाव परिणामों में पंजाब में प्रचंड बहुमत हासिल कर आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में एक बड़ी जीत दर्ज की. पार्टी को उम्मीद है कि अब दिल्ली नगर निगम (Delhi MCD Elections) में भी उनकी सत्ता बन सकती है, लेकिन चुनाव की तारीख का ऐलान होते होते टल गया, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आगामी निगम चुनावों की तारीख का ऐलान ना होने पर केंद्र सरकार पर जमकर बरसे, केजरीवाल ने इस फैसले पर विरोध जताया.
उन्होंने कहा, 9 तारीख को दिल्ली चुनाव आयोग ने एक प्रेस इनविटेशन भेजा कि आज शाम 5 बजे MCD चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा. केंद्र सरकार ने 4 बजे चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक नगर निगम बनाने जा रहे हैं. चुनाव की घोषणा ना की जाए. उन्होंने कहा, 9 तारीख को दिल्ली चुनाव आयोग ने एक प्रेस इनविटेशन भेजा कि आज शाम 5 बजे MCD चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा.
केजरीवाल ने कहा, केंद्र सरकार ने 4 बजे चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक नगर निगम बनाने जा रहे हैं. चुनाव की घोषणा ना की जाए. अगर हम चुनाव आयोग पर दबाव डालकर चुनाव रद्द कराते हैं, इससे चुनाव आयोग कमजोर होता है और देश कमजोर होता है. मेरा प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर निवेदन है कि चुनाव रद्द मत कराइए. लोग कह रहे हैं कि MCD को एक करना तो बहाना है, मकसद चुनाव टालने का है. बीजेपी को लग रहा था कि अगर दिल्ली में अभी चुनाव होगा तो आम आदमी पार्टी की लहर है, बीजेपी चुनाव हार जाएगी. शायद भारत के इतिहास में आजादी के बाद से 75 सालों में ऐसा हुआ होगा, कि केंद्र सरकार ने सीधे किसी राज्य के चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर चुनाव टालने को कहा है.
7-8 साल से क्यों नहीं किया- केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने कहा, लोगों के अंदर बातचीत चल रही है कि 7-8 साल से केंद्र ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने, अगर इनको एमसीडी को इकट्ठा करना था, तो इतने सालों में क्यों नहीं किया. इनको चुनाव तारीखों के ऐलान से एक घंटा पहले याद आया कि एमसीडी को इकट्ठा करना है, तो चुनाव टाल दिए जाएं. तो लोग कह रहे हैं कि एमसीडी को एक करना तो बहाना है, मकसद चुनाव टालने का था. क्योंकि उन्हें लग रहा था कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में जबरदस्त लहर है और चुनाव हुए तो बीजेपी हार जाएगी.
‘चुनाव टालने की जरूरत ही नहीं’
उन्होंने कहा, चुनाव हो जाने दीजिए, अगर तीनों को इकट्ठा भी करोगे आप तो तीनों एक जगह बैठने लग जाएंगे. चुनाव करवाओ, नए काउसंलर आएंगे. जब तक तीनों नगर निगम होंगे. वो तीनों में बैठ जाएंगे, एक नगर निगम होगा, वो एक साथ बैठ जाएंगे. तो चुनाव टालने की जरूरत ही नहीं थी. ये देश के लिए अच्छा नहीं है, ना चिट्ठी लिखकर टालना और ना चुनाव आयोग का झुकना.
पीएम मोदी से की अपील
केजरीवाल ने आगे कहा, मेरी हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री जी से अपील है- प्रधानमंत्री जी, सरकारें आती जाती रहेंगी, कल आप भी नहीं होंगे, कल मैं भी नहीं हूंगा, हम, लोग, पार्टियां जरूरी नहीं हैं, देश जरूरी है. अगर हम चुनाव आयोग पर दबाव डालकर चुनाव रद्द कराते हैं, तो इससे चुनाव आयोग कम जोर होता है, वो कमजोर होता है, तो देश कमजोर होता है. हम सबको देश मजबूत करना है. मेरी आपसे अपील है कि चुनाव रद्द ना होने दें, ये जनतंत्र के लिए बड़ा खतरा है.
लोकसभा चुनाव का उदाहरण दिया
उन्होंने कहा, कल को मान लो अगर लोकसभा के चुनाव हैं और उससे पहले कहा जाएगा कि ये संसदीय सिस्टम अच्छा नहीं है, हम प्रेजिडेंशियल सिस्टम लाना चाहते हैं, संविधान में बदलाव चाहते हैं इसलिए चुनाव टाल दीजिए. तो क्या चुनाव टाले जाएंगे. मान लीजिए कल को विधानसभा चुनाव हैं, ये कहा जाए कि हम दो राज्यों को इकट्ठा करना चाहते हैं, तो क्या चुनाव टाल दिए जाएंगे. क्या जनतंत्र के अंदर चुनाव ऐसे टाले जा सकते हैं. मैं पीएम से यही निवेदन करना चाहता हूं कि राज्य के स्टेट इलेक्शन कमिश्नर पर ऐसा क्या प्रशर डाला गया, उनको क्या धमकी दी गई, इनकम टैक्स की, ईडी की, सीबीआई की, या वो अभी अप्रैल में रिटायर हो रहे हैं, तो उन्हें पोस्ट रिटायरमेंट लालच दिया गया. मुझे नहीं पता. लेकिन वो एक घंटे के अंदर चुनाव टालने को तैयार हो गए.
इलेक्शन कमिश्नर से भी अनुरोध किया
दिल्ली सीएम ने कहा, ऐसे संस्थाएं कैसे चलेंगी. मैं स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से अनुरोध करना चाहूंगा, अगर आप ऐसे चुनाव टालने लगेंगे तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा. हमने आजादी किसलिए पाई थी. देश ने आजादी किसलिए पाई थी. मुझे नहीं पता आपके ऊपर कौन सा दबाव डाला जा रहा है या कौन सी धमकी दी जा रही है. लेकिन सर जो भी आपको धमकी या लालच दिया जा रहा है, बाहर आकर बता दीजिए देश को. सारी जनता को बता दीजिए. पूरा देश आपके साथ खड़ा है. पर किसी के सामने झुकिए नहीं सर. देश की बात है, जनतंत्र की बात है.