उत्तर प्रदेश के आठ विधायकों समेत विधानमंडल के नौ सदस्यों ने लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की है। इससे प्रदेश में एक मिनी विधानसभा चुनाव की संभावना बन गई है। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश से 13 विधायकों और चार विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था।
इनमें से एक विधान परिषद सदस्य और आठ विधायकों ने जीत हासिल की जबकि तीन एमएलसी और पांच विधायकों को पराजय का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले विधान मंडल सदस्यों की सीटों पर उपचुनाव कराना होगा।
चुनाव आयोग के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने राज्य की 80 में से सबसे अधिक 37 लोकसभा सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस को छह सीटें मिलीं। भाजपा ने 33 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल (सोनेलाल) ने क्रमशः दो और एक सीट जीती।
आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने एक सीट पर जीत हासिल की। उत्तर प्रदेश में चुनाव हारने वाले मौजूदा विधायकों की संख्या पाँच है, जबकि लोकसभा चुनाव में विजयी होने वाले एकमात्र एमएलसी उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद हैं, जिन्होंने पीलीभीत लोकसभा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1,64,935 मतों के अंतर से हराया।
उत्तर प्रदेश के अन्य मंत्री, जो जीत हासिल करने में कामयाब रहे उनमें हाथरस सीट से राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान ‘बाल्मीकि’ ने 2,47,318 मतों के अंतर से जीत हासिल की। अनूप प्रधान ‘बाल्मीकि’ अलीगढ़ जिले के खैर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। लोकसभा चुनाव हारने वाले एक अन्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह हैं।
बागवानी, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सिंह रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से 3,90,030 मतों के अंतर से हार गए। दिनेश प्रताप सिंह एमएलसी हैं। उत्तर प्रदेश के अन्य एमएलसी सकेत मिश्रा हैं।
वह श्रावस्ती सीट से सपा के राम शिरोमणि वर्मा से 76,673 मतों से हार गए। बहुजन समाज पार्टी के एमएलसी भीमराव अंबेडकर को हरदोई सीट से भाजपा के जयप्रकाश के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। मैनपुरी सदर सीट से विधायक और उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह मैनपुरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव से 2,21,639 मतों के अंतर से हार गए।
मैनपुरी जिले के करहल विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से जीत दर्ज की, उन्होंने भाजपा के सुब्रत पाठक को 1,70,922 मतों के अंतर से हराया। अपनी-अपनी सीटों से जीत हासिल करने वाले अन्य सपा विधायकों में मुरादाबाद के कुंदरकी से विधायक जियाउर रहमान शामिल हैं।
उन्होंने संभल लोकसभा सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के परमेश्वर लाल सैनी को 1,21,494 मतों से हराया। इसी तरह, अंबेडकरनगर के कटेहरी से विधायक वरिष्ठ सपा नेता लालजी वर्मा ने अंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर भाजपा के रितेश पांडे को 1,37,247 मतों के अंतर से हराया।
महराजगंज जिले के फरेंदा से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी ने महराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था मगर वह केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी से 35,451 मतों से हार गए। अपनी-अपनी लोकसभा सीटों से जीतने वाले अन्य भाजपा विधायकों में फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल भी शामिल हैं।
उन्होंने प्रयागराज जिले की फूलपुर लोकसभा सीट 4,332 मतों के अंतर से जीतकर अपने नाम की। इसी तरह गाजियाबाद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक अतुल गर्ग ने गाजियाबाद लोकसभा सीट 3,36,965 मतों से जीती। निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद ने भाजपा के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट 44,072 मतों के अंतर से जीती।
विनोद कुमार बिंद मिर्जापुर जिले की मझवां विधानसभा सीट से विधायक हैं। मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल के विधायक चंदन चौहान ने बिजनौर लोकसभा सीट 37,508 मतों से जीती। बिजनौर जिले के नहटौर से भाजपा विधायक ओम कुमार आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर से 1,51,473 मतों से हार गए।
इसी तरह, मिर्जापुर जिले के छानबे से अपना दल (सोनेलाल) की विधायक रिंकी कोल रॉबर्ट्सगंज (एससी) सीट से सपा के छोटेलाल से 1,29,234 वोटों से हार गईं। राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल (सोनेलाल) भाजपा के गठबंधन सहयोगी हैं। लखनऊ (मध्य) से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा लखनऊ में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से 1,35,159 वोटों से हार गए।
लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए विधानसभा उपचुनावों में भाजपा ने लखनऊ-पूर्वी और ददरौल (शाहजहांपुर जिले में) विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की, जबकि सपा गैंसड़ी और दुद्धी विधानसभा क्षेत्रों में विजयी हुई।