Breaking News

Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के भरोसे रहेगी BJP सरकार, जानें पूरा गणित !

देश में किसकी सरकार बनेगी और किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी? यह आज शाम तक साफ हो जाएगा. लोकसभा चुनाव (Lok sabha election 2024) में देश की 543 सीटों पर रुझान आने लगे हैं. बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. इस समय मतगणना चल रही है। भाजपा गठबंधन को 299 और कांग्रेस गठबंधन को 227 जबकि अन्‍य 14 पर आगे चल रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha election 2024) के नवीनतम रुझानों में भाजपा के बहुमत के आंकड़े से नीचे आने के बाद कांग्रेस ने कटाक्ष किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के लिए चौंकाने वाली राजनीतिक रूप से एक नौतिक हार है। उन्होंने पीएम मोदी से इस्तीफा देने के लिए भी कहा। बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर है।

आजादी के बाद से अब तक पंडित जवाहरलाल नेहरू को छोड़ दें तो कोई भी प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफल नहीं रहा है. पीएम मोदी के पास इन चुनावों में लगातार तीसरी बार सरकार बनाकर पंडित नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका था.
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए तो इन नतीजों ने भी एन फैक्टर दिया है- नमो, नीतीश और नायडू. नमो यानि नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे कर चुनाव मैदान में उतरे एनडीए को सरकार बनाने का जनादेश मिलता नजर आ रहा है. ताजा रुझानों में एनडीए को 296 सीटें मिलती नजर आ रही हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लगातार तीसरी बार बहुमत के साथ मोदी सरकार बनाने का मौका चूकती नजर आ रही है.

अब एक एन यानि नेहरू की बराबरी कर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए पीएम मोदी को दो अन्य एन- नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों के रुख पर निर्भर रहना पड़ेगा. नीतीश और नायडू के रुख से ही सरकार तय होनी है. नीतीश की अगुवाई वाले जनता दल (यूनाइटेड) को 14 और नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को 16 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. ये दोनों दल भी एनडीए में हैं.

एन फैक्टर हटा दें एनडीए बहुमत से पीछे
अब एनडीए को मिल रही 295 में से इन दोनों की पार्टियों को मिल रही 30 सीटें घटा दें तो सत्ताधारी गठबंधन की टैली 265 सीट पर आ जाती है जो बहुमत के लिए जरूरी 272 के जादुई आंकड़े से सात कम है. नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी नीतीश कुमार और नायडू के रुख पर ही निर्भर करेगी. मौके की नजाकत को भांपते हुए विपक्षी इंडिया ब्लॉक भी एक्टिव मोड में आ गया है.

सत्ताधारी गठबंधन भी सक्रिय हो गया है. एनडीए ने गठबंधन के सभी घटक दलों की 5 जून को बैठक बुला ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से बात की है. वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मिलने बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और उनकी ही सरकार में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी सीएम हाउस पहुंचे. हालांकि, ऐसी खबरें हैं कि नीतीश कुमार से सम्राट चौधरी की मुलाकात नहीं हो पाई.

नीतीश ने एक दिन पहले ही दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी. अब सम्राट चौधरी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाने से उनके रुख को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. अब आरजेडी ने दावा किया है कि नीतीश कुमार ने कहा है कि वे बदले की राजनीति के पक्ष में नहीं हैं. नीतीश कुमार के कोई बड़ा फैसला लेने के कयास भी सियासी गलियारों में तैरने लगे हैं.

आपको बता दें कि शनिवार को जारी एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। इसी के साथ भाजपा नीत एनडीए भारी बहुमत से सरकार बनाएगी। चुनाव के नवीनतम रुझानों को देखते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रिया दी।

वहीं जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “एग्जिट पोल क्या थे, इसका पर्दाफाश हो चुका है। 543 सीटों के रुझान उपलब्ध हैं। निम्नलिखित चीजें स्पष्ट हो चुकी है- यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चौंकाने वाली राजनीतिक रूप से एक नौतिक हार है। यह भी स्पष्ट हो गया कि उन्होंने जो एग्जिट पोल जारी किए थे, वे पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं।”

कांग्रेस नेता पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “अपने आप को अभूतपूर्व होने का दिखावा करते थे। अब साबित हो गया है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री भूतपूर्व होने वाले हैं। नैतिक जिम्मेदारी लें और इस्तीफा दें। यही इस चुनाव का संदेश है।”

मंगलवार को वोटो की गिनती की शुरुआती रुझानों में भाजपा नीत एनडीए के लिए निराशाजनक नतीजे सामने आए। भाजपा अपने ही गढ़ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में हारती दिख रही है। हालांकि, 290 सीटों के साथ भाजपा के सरकार बनाने की उम्मीद है। केरल, ओडिशा और तेलंगाना में भारी जीत के वाबजूद पार्टी बहुमत के आंकड़ों से नीचे गिरती दिख रही है।