महेंद्र सिंह धोनी की करिश्माई कप्तानी चेन्नई सुपर किंग्स का रक्षा कवच साबित होगी जब आज आईपीएल के खिताबी मुकाबले में उसका सामना स्पिन तिकड़ी के दम पर फाइनल में पहुंची कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा। दुनिया भर के क्रिकेटप्रेमियों को दशहरे के दिन ‘कैप्टन कूल’ की आतिशी पारी का भी इंतजार रहेगा जो पीली जर्सी में शायद आखिरी बार देखने को मिले। आंकड़ों की बात करें तो चेन्नई 12 सत्रों में 9 बार फाइनल में पहुंची है चूंकि 2 सत्रों में वह लीग से बाहर थी।
चेन्नई ने 3 खिताब जीते और 5 बार फाइनल में हारी जबकि केकेआर ने दोनों खिताब गौतम गंभीर की कप्तानी में जीते हैं। फाइनल तक पहुंचने की कला चेन्नई से बेहतर कोई टीम नहीं जानतीहै। दूसरी ओर केकेआर ने 2012 में आखिरी खिताब जीता था जब 2 गेंद बाकी रहते 190 रन का लक्ष्य हासिल किया था। चेन्नई के लिए चौथा खिताब जीतने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि वह केकेआर की स्पिन तिकड़ी वरुण चक्रवर्ती, शाकिब अल हसन और सुनील नारायण का सामना कैसे करते हैं। तीनों ने टूर्नामैंट में 7 से कम की औसत से प्रति ओवर रन दिए हैं।