महाकुंभ भगदड़ (Maha Kumbh Stampede) में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा (Compensation of Rs 25-25 lakh) देने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ऐलान किया है। इसके साथ ही घटना की न्यायिक जांच (Judicial investigation.) का भी आदेश दिया है। इसके लिए तीन सदस्यीय समित भी बन रही है। यह जांच पुलिस की पड़ताल से अलग होगी। इसके साथ ही मुख्य सचिव और डीजीपी को भी गुरुवार को प्रयागराज जाने का आदेश सीएम योगी ने दिया है।
मौनी अमावस्या के शाही स्नान से ठीक पहले मंगलवार-बुधवार की रात भगदड़ में अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है। 60 लोग घायल हैं। आयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में गठित किया गया है। इसमें पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर आईएएस बीके सिंह को सदस्य बनाया गया है। साथ ही हादसे के कारण को लेकर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार की ओर से अलग से जांच कराई जाएगी। साथ ही मृतकों के आश्रितों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि आज मौनी अमावस्या का पावन स्नान है। इसके लिए कल रात से ही काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए स्नान का इंतजार कर रहे थे। अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ के कारण बैरिकेडिंग को तोड़ने और उसे तोड़कर जाने के कारण हुआ है। जिसमें 30 लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। 36 घायलों का प्रयागराज में इलाज चल रहा है। अन्य घायलों को उनके परिजन लेकर चले गए हैं। घटना दुखद और मर्माहत करने वाली है। उन सभी लोगों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है।
सीएम योगी ने कहा कि हम लोग रात से ही पुलिस प्रशासन, मेला प्रशासन के संपर्क में हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भी अन्य जितने भी व्यवस्थाएं हो सकती थीं, सभी को तैनात किया गया है। उसी का परिणाम है कि हादसे के कुछ देर बाद ही ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शासन और पुलिस ने घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया। दुर्भाग्य से इस दौरान यह मौतें हुई हैं।
सीएम योगी ने कहा कि मौनी अमावस्या का मुख्य स्नान होने से सभी मार्ग चोक थे। रात से ही प्रशासन मार्ग खुलवाने और स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में लगा भी रहा। इन सभी घटनाओं के बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान मेला प्रशासन के अनुरोध पर स्थगित किया था। दोपहर में स्नान शुरू हुआ और सभी आचार्यों ने इसमें भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने हालात काबू करने को आला अधिकारियों संग संभाला मोर्चा
प्रयागराज महाकुम्भ में मंगलवार की रात भगदड़ की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को तड़के अपनी टीम के साथ पूरे घटनाक्रम पर नज़र रखना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री ने जहां अपने आला अधिकारियों मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और एडीजी कानून-व्यवस्था को तलब कर पल-पल की समीक्षा शुरू की। मुख्यमंत्री आवास तड़के 4 बजे से लेकर शाम छह बजे तक मानो कंट्रोलरूम में तब्दील हो गया। मुख्यमंत्री प्रयागराज के साथ ही अयोध्या और वाराणसी की ओर जा रहे श्रद्धालुओं की व्यवस्था की भी पल-पल पर जानकारी लेते रहे।
प्रयागराज में भगदड़ की सूचना मिलते ही रात करीब 2.10 बजे से अधिकारी हरकत में आ गए। मुख्यमंत्री को सूचना देने के साथ ही आला अधिकारियों ने प्रयागराज के एडीजी, पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी से पूरी जानकारी की। तड़के 4 बजे से ही अधिकारियों का मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना शुरू हो गया। सबसे पहले डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद पांच केडी आवास पर पहुंचे। इसी के साथ मुख्य सचिव मनोज कुमार के साथ ही एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश पहुंच गए। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात अन्य अधिकारी भी आ गए।
मुख्यमंत्री की अपील, संगम के अलावा घाटों पर भी करें स्नान
डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री को पूरी घटना की विस्तृत जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि कैसे भीड़ ने बैरीकेडिंग को तोड़कर संगम घाट की ओर जाने के दौरान हादसा हुआ। इसी के बाद मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं के साथ ही सभी संतों और अखाड़ा प्रमुखों से अपील की। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से स्थानीय प्रशासन की राय मानने की सलाह दी और अपील की कि गंगा के किनारे कई घाट बनाए गए हैं, जहां स्थान मिले वहीं स्नान करें। इसी के साथ मुख्यमंत्री प्रयागराज में तैनात अधिकारियों संग लगातार संपर्क करने के साथ ही अयोध्या व वाराणसी में भी भीड़ नियंत्रण पर मंथन कर जरूरी निर्देश देते रहे। यह सिलसिला दोपहर करीब 2.30 तक चला। इसके बाद दोबारा अधिकारियों की बैठक शुरू 3.30 के बाद शुरू हुई तो देर रात तक चलती रही।
प्रधानमंत्री ने चार बार की मुख्यमंत्री से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुबह तड़के सबसे पहले करीब 4.10 बजे के आसपास बात की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक तीन बार मुख्यमंत्री योगी को काल किया और पल-पल की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा हर संभव मदद का आश्वासन दिया और राहत कार्य में कोई कमी न रखने की सलाह दी। मुख्यमंत्री ने उन्हें राहत कार्य में लगाई गई करीब 50 से अधिक एंबुलेंस, करीब 1000 सरकारी कर्मचारियों और स्वयं सहायता समूह के कर्मचारियों के ड्यूटी पर होने की बात बताई। वहीं अतिरिक्त पुलिस बल व अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जानकारी दी। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की।
अयोध्या के पुलिस अधिकारियों से करते रहे संपर्क
दोपहर 12 बजे के करीब ही मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए कि अयोध्या में भी क्या इंतजाम हैं उसकी समीक्षा की जाए। अधिकारियों ने अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार को जरूरी निर्देश दिए। वह पहले से ही पुलिस कंट्रोलरूम में पहुंच कर भीड़ प्रबंधन में जुटे हुए थे। उन्होंने अयोध्या मंडल में भीड़ नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को लगातार देते रहे निर्देश
मुख्यमंत्री के आवास पर बैठक कर रहे अधिकारियों ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल, वहां के एडीजी पीयूष मोर्डिया को जरूरी निर्देश दिए और भीड़ नियंत्र के लिए खासतौर पर होल्डिंग एरिया बनाने और श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार की हिदायत दी गई ताकि कहीं कोई असंतोष न फैलने पाए।
अयोध्या-वाराणसी के आसपास के जिलों में बैरिकेडिंग व्यवस्था
वाराणसी, प्रयागराज व अयोध्या में अप्रत्याशित भीड़ न उमड़े लिहाजा मुख्यमंत्री और डीजीपी के निर्देश पर इन तीनों जिलों के पड़ोसी जिलों की सीमा पर यातायात को नियंत्रित किया गया। बैरिकेडिंग लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया।