उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण के साथ जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पांच दिवसीय सत्र शुरू हो गया है।
विधानसभा में पीडीपी विधायक वहीद पारा ने पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने के प्रावधान वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर विरोध जताया। साथ ही प्रस्ताव भी पेश किया। इसके अलावा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की भी मांग की। इस पर विधानसभा में विपक्ष ने हंगामा कर दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के वरिष्ठ नेता और चरार-ए-शरीफ से सात बार के विधायक अब्दुल रहीम राथर विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का सोमवार को पहला अध्यक्ष चुनाव हुआ। विपक्ष द्वारा इस पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किए जाने के बाद राथर (80) को ध्वनि मत से अध्यक्ष चुन लिया गया। ‘प्रोटेम स्पीकर’ मुबारक गुल ने चुनाव प्रक्रिया का संचालन किया।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद अब्दुल रहीम राथर ने कहा कि मैं यहां लोकतंत्र का वातावरण देखकर बहुत खुश हूं। अध्यक्ष चुनाव सर्वसम्मति से हुआ। यह एक अच्छी शुरुआत थी। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने अपने अभिभाषण को शांत और संतुलित माहौल में प्रस्तुत किया। राथर ने पीडीपी सदस्य के हंगामे का जिक्र करते हुए कहा मुझे नहीं पता कि पीडीपी सदस्य क्या करना चाहते थे। न तो मुझे और न ही यहां के सचिव को इस बारे में पहले से कोई नोटिस मिला था।
राथर के इस बयान से स्पष्ट होता है कि वह विधानसभा के पहले सत्र के दौरान उत्पन्न स्थिति को लेकर चिंतित हैं, लेकिन उन्होंने सकारात्मकता के साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सराहना की। इस प्रकार, यह सत्र कश्मीर के राजनीतिक माहौल में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाने का संकेत देता है।