कश्मीर घाटी (Kashmir valley) में मंगलवार को एक बार फिर बड़ा बदलाव (Big change) नजर आया। 35 साल बाद दशहरे (Dussehra) पर इंदिरा नगर के शिव मंदिर से शोभायात्रा निकाली (Took out a procession) गई। इसमें करीब 500 लोग शामिल हुए। रास्ते में जय श्रीराम के जयघोष (Shouts of Jai Shri Ram) गूंजते रहे। आखिर में शोभायात्रा शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम पहुंची, जहां रावण दहन (Ravana Dahan) किया गया। इस मौके पर उप राज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) के सलाहकार राजीव राय भटनागर मौजूद रहे। इस ऐतिहासिक पल की गवाह पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी बनीं।
दशहरा उत्सव के आयोजक संजय टिक्कू ने कहा कि सभी धर्मों के लोग दशहरा उत्सव में शामिल हुए। बड़ी संख्या में छोटे बच्चे भी थे। उन्होंने उत्साह के साथ शोभायात्रा में भाग लिया और प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाए। उन्होंने बताया कि 2007 से 2017 तक लगातार दशहरा का आयोजन करते आए हैं। शोभा यात्रा 35 साल बाद फिर निकाली गई है। दशहरे पर इस साल रावण का पुतला 40 फुट ऊंचा बनाया गया था, जबकि दो अन्य पुतले 30 फुट ऊंचे थे। सूर्यास्त के बाद इनका दहन किया गया।
2007 से कश्मीरी पंडित मना रहे दशहरा उत्सव
संजय टिक्कू ने बताया कि घाटी में आतंकवाद के कारण दशहरे का त्योहार कई साल तक नहीं मनाया गया। 2007 से कश्मीरी पंडित समुदाय दशहरा उत्सव मना रहा है। मंगलवार को मनाए गए दशहरा उत्सव को देखने के लिए हिंदू, सिख और मुस्लिम समुदाय के लोग भी पहुंचे थे। खासकर रावण दहन को देखने को लेकर ज्यादा उत्सुकता थी।