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भारत के इस राज्य में साइकिल को किसी और नाम से जाना जाता है…

साइकिलें अरबों लोगों के लिए परिवहन का एक साधन हैं. इसकी लागत अधिक नहीं है, और चेन और बॉल बेयरिंग पर मोबिल की कुछ बूंदों के अलावा, इसकी देखभाल करना बहुत आसान है. अगर कभी पंक्चर हो जाए, तो सिर्फ टायर ट्यूब को ठीक करना होता है. साइकिल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह पैदल चलने में मुश्किल महसूस करने वालों के लिए भी एक अच्छा विकल्प है, और आप चाहें तो सामान भी ले जा सकते हैं. भीड़ में, साइकिल का साथ एक सच्चे मित्र की तरह होता है.

साइकिल का असमिया नाम
आपने कभी सोचा है कि साइकिल का असमिया नाम क्या है? क्या आप जानते हैं कि इस शब्द का असमिया में क्या अर्थ है? हाल ही में एक सोशल मीडिया पोल में, 99 प्रतिशत लोग इसका सरल उत्तर नहीं दे सके. क्या यह सवाल आपको भी परेशान करता है?

साइकिल का इतिहास और महत्व
साइकिल का इतिहास 1817 में जर्मन वैज्ञानिक कार्ल वॉन ड्रिस के नाम से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने मैनहेम में पहली साइकिल का आविष्कार किया था. यह एक अभूतपूर्व खोज थी, क्योंकि यह दोपहिया वाहन अपने उपयोगकर्ता के शरीर के प्रयासों से संचालित होता था. इस पर्यावरण के अनुकूल वाहन ने जल्द ही अरबों लोगों का जीवन आसान बना दिया. आजकल, दुनिया भर में साइकिलों का उपयोग किया जाता है, और यह एक ऐसा साधन बन चुका है जो लगभग हर किसी के लिए सहायक है.

साइकिल की अहमियत असमिया संस्कृति में
साइकिलों का असमिया जीवन से गहरा जुड़ाव है. 19वीं सदी से ही साइकिलें असमिया जीवन का हिस्सा रही हैं. समय के साथ, साइकिलों की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है. आजकल, दुकानों में लाखों रुपये की साइकिलें बिक रही हैं. लेकिन, सवाल यह है कि इस दोपहिया वाहन का असमिया नाम क्या है?

द्विचक्रायण: साइकिल का असमिया नाम
साइकिल को असमिया में ‘द्विचक्रायण’ कहा जाता है. यह शब्द बहुत सरल और स्पष्ट है. ‘द्वि’ का मतलब है दो, ‘चक्र’ का मतलब पहिया और ‘आयन’ का अर्थ है वाहन या चलने वाला साधन. इस तरह, ‘द्विचक्रायण’ का अर्थ है दो पहियों वाला वाहन.