एक नास्तिक, जो पहले भगवान को नहीं मानता था. उसका मानना था कि स्वर्ग और नर्क जैसा कुछ नहीं होता. लेकिन हाल ही उसने ऐसा सनसनीखेज दावा किया, जिसके बाद लोगों के होश उड़ गए. शख्स ने कहा कि असल में स्वर्ग और नर्क दोनों मौजूद हैं, जिसका सबूत भी उसके पास है. इस शख्स का नाम ली स्ट्रोबेल है, जो पहले एक कानूनी पत्रकार थे. हाल ही में इन्होंने अपनी नई किताब “सीइंग द सुपरनैचुरल: इन्वेस्टिगेटिंग एंजल्स, डेमन्स, मिस्टिकल ड्रीम्स, नियर-डेथ एक्सपीरियंसेस, एंड अदर मिस्ट्रीज़ ऑफ द अनसीन वर्ल्ड” में स्वर्ग और नर्क के अस्तित्व को सिद्ध करने वाले अनुभवों की गहरी पड़ताल की है. यह किताब ज़ॉन्डर्वन द्वारा प्रकाशित हुई है. इसमें वे स्वर्गदूतों, राक्षसों, मृत्यु के निकट के अनुभवों और अन्य अलौकिक रहस्यों की जांच करते हैं.
स्ट्रोबेल ने अपनी किताब में दर्जनों मृत्यु के निकट के अनुभवों (एनडीई) का ज़िक्र किया है, जिन्हें चिकित्सा विज्ञान समझा नहीं पाया. उन्होंने अपनी किताब में एक महिला का जिक्र किया है, जो मरकर वापस आ गई. महिला ने बताया कि मौत के बाद उसे एक सफेद सुरंग में वर्जिन मैरी की छवि दिखाई दी. स्ट्रोबेल लिखते हैं, “अचानक एक सुरंग प्रकट हुई और वह उसकी ओर खींची चली गई. उसकी आत्मा छत के पंखे और फिर छत से होकर गुजर गई.” इस मां ने कहा कि वह गहरे प्रेम और प्रकाश से घिरी थी. उसने बताया, “मुझे अपने हर अच्छे और बुरे कर्म का एहसास हुआ, साथ ही यह भी दिखा कि मेरे कर्मों का प्रभाव दूसरों पर कैसा था. यह मेरे लिए कठिन था, लेकिन बिना शर्त प्यार ने मुझे सहारा दिया. मुझसे टेलीपैथिक रूप से पूछा गया कि क्या मैं रहना चाहती हूं या वापस लौटना चाहती हूं.”
इसी तरह, किताब में एक दृष्टिबाधित महिला विकी की कहानी है, जो 22 साल तक कुछ नहीं देख पाई थी. एक कार दुर्घटना के बाद, उसने खुद को अपनी क्षतिग्रस्त गाड़ी के ऊपर मंडराते देखा और बाद में डॉक्टरों को अपने शरीर पर काम करते हुए देखा, जबकि वह छत की ओर तैर रही थी. हैरानी की बात यह थी कि उसने अपने दोस्तों का सटीक वर्णन किया, जिन्हें उसने पहले कभी नहीं देखा था. यह घटना वैज्ञानिकों के लिए अब तक एक रहस्य बनी हुई है. लेकिन सभी मृत्यु के निकट के अनुभव सुखद नहीं थे. नॉर्थ केंटकी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हॉवर्ड स्टॉर्म ने अपने अनुभव को शेयर किया, जब वे एक घातक पेट के अल्सर से अस्थायी रूप से ‘मर’ गए थे. शुरू में सब कुछ ठीक लगा. स्ट्रोबेल लिखते हैं, “उन्होंने कुछ रहस्यमयी, लेकिन दोस्ताना आगंतुकों का पीछा किया, जो उन्हें गलियारे में ले गए. यह मीलों की यात्रा में बदल गया और हालात धीरे-धीरे अंधेरे की ओर लेकर चले गए. इसके बाद अचानक उन्होंने धक्का देना, मारना, खींचना, लात मारना, काटना और नाखूनों से फाड़ना शुरू कर दिया, वे हंस रहे थे और गालियां दे रहे थे.”
प्रोफेसर हॉवर्ड स्टॉर्म स्टॉर्म ने इसका विरोध किया, लेकिन वे शारीरिक और भावनात्मक रूप से बुरी तरह घायल हो गए. स्टॉर्म की कहानी बताते हुए स्ट्रोबेल अपनी किताब में आगे लिखते हैं, “कोई हॉरर फिल्म या किताब उनकी क्रूरता को बयान नहीं कर सकती. अंततः मेरा शरीर फट गया. मेरी एक आंख चली गई, मेरे कान गायब हो गए.” इस भयावह हमले के बीच स्टॉर्म ने चिल्लाया, “ईश्वर, मुझे बचा लो!” तभी एक भूरी रोशनी दिखी और एक जोड़ी हाथों ने उन्हें बचाया. इस किताब में स्ट्रोबेल ने बुरे आत्माओं, राक्षसी जादू-टोने और यहां तक कि आत्माओं के शरीर में प्रवेश जैसे कई अन्य अनुभवों का भी वर्णन किया है. वे मानते हैं कि ये अनुभव स्वर्ग और नर्क के वास्तविक होने का सबूत हैं और ये जितना हम सोचते हैं, उससे कहीं ज़्यादा भयानक हैं. उनकी यह खोज न केवल आध्यात्मिक सवाल उठाती है, बल्कि हमें जीवन और मृत्यु के बाद के सच पर सोचने को मजबूर करती है.