कलकत्ता हाई कोर्ट ने हावड़ा और दलखोला जिलों के साथ ही पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों में रामनवमी के दौरान भड़की हिंसा की जांच एनआईए को सौंप दी है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार (27 अप्रैल) को आदेश दिया कि मामले की जांच एनआईए द्वारा करवाई जाए। पिछले महीने रामनवमी पर आयोजनों के दौरान राज्य के विभिन्न इलाकों में सामुदायिक दंगे भड़क गए थे। इस दौरान, तोड़फोड़, आगजनी और पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई थीं। सबसे ज्यादा हिंसात्मक घटनाएं हावड़ा और दलखोला जिले में हुई थीं।
बता दें कि हावड़ा और दिनाजपुर जिले में विश्व हिंदू परिषद ने रामनवमी का जुलूस निकाला था। इसी दौरान दो समुदाय भिड़ गए। इसके 24 घंटे बाद शिबपुर में दोबारा पत्थरबाजी की घटना हुई। इसमें तीन पुलिसवालों समेत करीब 15 लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा 10 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। कई दुकानों में आग लगा दी गई थी और तोड़फोड़ की गई थी।
हिंसा की घटनाओँ के बाद पुलिस ने करीब तीन दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यहां के कुछ लोगों ने यह आशंका जाहिर की थी कि इस हिंसा के पीछे राजनीतिक कनेक्शन है। सूत्रों के मुताबिक गुड्डू शेख नाम का श्ख्स ऑटो यूनियन को कंट्रोल करता है और उसने लोगों को इकट्ठा किया था। उसकी का पॉलिटिकल कनेक्शन भी बताया जाता है।
हाईकोर्ट से एनआईए जांच का आदेश होना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ममता बनर्जी अकसर केंद्र पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाती रहती हैं. पहले से भी कई मामलों में केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। स्कूल शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी और सीबीआई दोनों ही जांच कर रही हैं। इस तरह रामनवमी हिंसा मामले में भी केंद्रीय एजेंसी को जांच सौंपा जाना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका है।