बाढड़ा विधानसभा के गांव रामलवास में अवैध माइनिंग व जल दोहन के खिलाफ ग्रामीणों में रोष बरकरार है। ग्रामीणों ने जहां चुनाव का बहिष्कार का फैसला लिया वहीं प्रशासन पर ठोस कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। सरपंच प्रतिनिधि विनोद कुमार की अध्यक्षता में ग्रामीण गांव के मतदान केंद्र के बाहर डेरा डाले हुए हैं। मतदान के दिन दोपहर तक कोई भी ग्रामीण मतदान करने नहीं पहुंचा। वहीं प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को समझाने का भी प्रयास किया गया। बावजूद इसके किसी ग्रामीण ने वोट नहीं डाला।
जल दोहन पर रोक लगाने की मांग कर रहे रहे ग्रामीण
बता दे कि रामलवास के ग्रामीण अवैध माइनिंग व जल दोहन के खिलाफ बीते करीब एक माह से धरने पर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि अवैध माइनिंग व जल दोहन के कारण भूमिगत जलस्तर लगातार गहराता चला जा रहा है और पेयजल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भविष्य में उन पर पेयजल संकट का खतरा मंडराने लगा है। उसी के चलते वे अवैध माइनिंग व जल दोहन पर रोक लगाने के लिए धरना दे रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा संबंधित सभी विभागों को अवगत करवा चुके हैं और प्रशासनिक अधिकारियों से भी बैठकें हो चुकी हैं लेकिन सिवाय आश्वासन के उन्हें कुछ नहीं मिला है। जिसके चलते ग्रामीण मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं। गांव रामलवास में 1083 वोटर हैं और प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास भी किया जा रहा है।
सरपंच प्रतिनिधि बोले सिर्फ आश्वासन ही मिला
गांव के सरपंच प्रतिनिधि विनोद कुमार ने बताया कि अवैध जल दोहन व अवैध माइनिंग का समाधान नहीं हुआ। जिसके चलते ग्रामीणों द्वारा मतदान का बहिष्कार किया गया है। बताया कि प्रशासन द्वारा 8 अक्टूबर के बाद उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन मिला था लेकिन ग्रामीण उससे संतुष्ट नहीं हैं और मतदान का बहिष्कार करने के निर्णय पर अडिग हैं। चुनाव के बहिष्कार के निर्णय के साथ नेताओं की एंट्री भी गांव में बैन कर दी थी। जिसके चलते उनके गांव में किसी भी नेता ने पहुंचकर प्रचार नहीं किया है।