भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा बुधवार को 67 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई। टिकट से वंचित कई दावेदारों ने भाजपा से इस्तीफा देते हुए निर्दलीय या फिर किसी अन्य दल के चुनाव चिन्ह पर लड़ने की रणनीति बनाई है तो कुछ ने समर्थकों की बैठक बुलाई है, जिसमें कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
गुरुग्राम में टिकट के दावेदार जीएल शर्मा ने वीरवार को समर्थकों की बैठक बुलाई है, जिसमें वह कोई अगला निर्णय लेंगे। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष और बाढ़डा से टिकट मांग रहे पूर्व विधायक सुखविंद्र श्योराण ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ ही चरखी दादरी में भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले चेयरमैन ने भी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। थानेसर विधानसभा सीट से राज्यमंत्री सुभाष सुधा के स्थान पर टिकट मांग रहे पंडित
जय भगवान शर्मा (डीडी) ने भी वीरवार सुबह दस बजे समर्थकों की अहम बैठक बुलाई है, जिसमें वह कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। इसी तरह उकलाना से टिकट मांग रहीं सीमा गैबीपुर ने पार्टी छोड़ दी है। अनुशासित काडर के लिए जाने जानी वाली भाजपा की पहली सूची आने से पहले ही विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा को नलवा की जगह बरवाला से टिकट की संभावना देख भाजपा के जिला सचिव महंत महामंडलेश्वर दर्शन गिरी ने पार्टी छोड़ दी।
उन्होंने आडियो पर आपत्ति जताई जिसमें रणबीर गंगवा की आवाज से मेल खाता व्यक्ति उनके बारे में अनाप- शनाप बोल रहा है। भाजपा की सफीदों इकाई ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बाहरी लोगों को मैदान में उतारने से जुड़ी हार के इतिहास के बारे में पत्र लिखकर जानकारी दी है।