सिर पर माता-पिता का साया बच्चों के भविष्य को रोशन करता है, लेकिन कई बार पिता की कमी और जिम्मेदारियों का बोझ बच्चों का बचपन छीन लेता है। हालांकि, कुछ बच्चे अपने सपनों को पूरा करने में सफल होते हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी अंबाला के रहने वाले अमरदीप सिंह की है। हाल ही में अमरदीप ने अंबाला से श्री हरमंदिर साहिब तक दौड़ते हुए यात्रा की।
19 दिन में पूरा किया सफर
अमरदीप ने यह यात्रा कुल 19 दिन में तय की और अंत में अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे, जहां उन्होंने दर्शन किए। अमरदीप से इस बारे में बात करते हुए बताया कि वह खेलों में कई मेडल जीत चुके हैं और हरियाणा सरकार से भी उन्हें पुरस्कार और सर्टिफिकेट मिले हैं।
पिता की मौत के बाद का संघर्ष
साल 2019 में उनके पिता की मृत्यु हो गई, जिसके बाद उनका परिवार बिखर गया। अमरदीप पर घर की सभी जिम्मेदारियां आ गईं। कुछ समय तक बड़ी बहन की मदद से उन्होंने घर का गुजारा और खेल दोनों को संभाला, लेकिन जब बहन की शादी हो गई, तो उन्हें अकेले घर की जिम्मेदारी उठानी पड़ी। इस वजह से वह अपने खेल पर ध्यान नहीं दे पाए और खेल छोड़ना पड़ा।
दोबारा खेल में लौटना
कुछ साल बाद दोस्तों की मदद से उन्होंने फिर से खेल शुरू किया और अब उन्होंने श्री हरमंदिर साहिब जाकर जो प्रण लिया था, उसे पूरा भी किया। अमरदीप ने इस यात्रा के दौरान अपने दोस्तों का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने 19 दिन तक उनका ख्याल रखा।
संदेश: मेहनत और समर्पण का महत्व
अमरदीप का कहना है कि जब हम किसी चीज़ को पाने के लिए पूरी मेहनत करते हैं, तो वह अवश्य मिलती है। उन्होंने सभी को यह संदेश देने की कोशिश की है कि जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन एक पिता का साया बच्चों के जीवन को हरा-भरा करता है। जब यह छीन जाता है, तो संभालना मुश्किल हो जाता है, फिर भी हमें आगे बढ़ते रहना चाहिए।अमरदीप की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि मुश्किल समय में भी अपने सपनों का पीछा करना चाहिए।