पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का दमदार प्रदर्शन जारी हैं। कैथल के तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पेरिस में पैरालंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीत लिया है। पैरालंपिक के इतिहास में भारत ने पहली बार तीरंदाजी में स्वर्ण पदक जीता है। हरविंदर सिंह ने फाइनल में पोलैंड के लुकाज सिजेक को 6-0 से हराया। 4 सितंबर को मेन्स इंडिविजुअल रिकर्व ओपन के फाइनल मे 33 वर्षीय हरविंदर ने पोलैंड के लुकाज सिजेक को पराजित कर इतिहास रच दिया। मौजूदा पैरालंपिक गेम्स में भारत का ये चौथा स्वर्ण पदक रहा।
हरविंदर की जीत के बाद परिवार में खुशी का माहौल है, मिठाई बांट कर जश्न मनाया जा रहा है। उनकी पत्नी मनप्रीत कौर उनके पिता परमजीत सिंह उनके भाई अर्शदीप सिंह ने बताया कि हमें उनकी जीत पर बहुत खुशी है और हमें उम्मीद थी कि हरविंदर अबकी बार गोल्ड मेडल जीतकर जरूर लाएगा, क्योंकि जिस तरह से वह मेहनत कर रहा था उनकी मेहनत रंग लाई है। उनके भाई ने बताया कि अबकी बार हरविंदर वादा करके गया था कि गोल्ड मेडल जीत कर लाएगा, क्योंकि पिछले पैरालंपिक गेम्स में वह ब्रॉन्ज मेडल जीत पाया था और अब की बार दुगनी मेहनत व जोश के साथ पैरालंपिक के लिए गया था।
ये हैं हरविंद्र सिंह की उपलब्धियां
हरविद्र सिंह वे तीरंदाज हैं, जिन्होंने रोहतक में 2016 में हुई पहली पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक, तेलंगाना में 2017 में दूसरी पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता में रजत पदक, 2018 में इंडोनेशिया में हुई एशियन पैरा गेम्स में भारत के लिए रिकर्व इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया था। वह छह बार देश का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एशियन पैरा चैंपियनशिप 2019 में कांस्य पदक हासिल किया था। जून 2019 में नीदरलैंड में आयोजित विश्व पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में पैरालंपिक 2020 के लिए कोटा हासिल किया था। इसके बाद 2020 पैरालंपिक में ब्रॉन्ज मैडल जीत। इसके अलावा बीजिंग में 2017 में हुई विश्व पैरा आर्चरी में सातवां स्थान। थाईलैंड में 2019 में हुई तीसरी एशियन पैरा आर्चरी के टीम इवेंट में ब्रांज मेडल। रोहतक में 2019 में तीसरी पैरा आर्चरी नेशनल प्रतियोगिता सिल्वर मेडल हासिल किया था।