गुरुड़ पुराण के हिसाब से इंसान के जीवन में सुख और दुख उसके कार्यों की वजह से होते हैं. गरुड़ पुराण में बोल गया है कि व्यक्ति के कर्मों का सीधा प्रभाव उसके जीवन में जीवित रहते हुए, मरने के बाद और अगले जन्म तक बना रहता है. हिंदू धर्म में 18 पुराणों में गरुड़ पुराण भी शामिल है. ये बहुत ही सही तरीके से जीवन जीने का मार्गदर्शन करती है.
जीवन में हमें क्या करना चाहिए, क्या नहीं, इन सभी बातों के विषय में बताती है. परिवार में ऐसे कई लोग रहते हैं और सभी का व्यवहार एक-दूसरे से भिन्न होता है, पर फिर भी वे प्रेम के साथ जीवन जीते हैं. पर वहीं, दूसरे परिवारों में बहस और कलेश की स्थितियां बन जाती है.
ऐसे लोगों में बिलकुल भी सहनशीलता नहीं होती है. गरुड़ पुराण के हिसाब से ऐसी स्थिति की जिम्मेदार हमारी गलत आदतें लेती हैं. इन आदतों का संबंध घर के माहौल से नहीं होता. ये आदते आपके घर का माहौल खराब कर देती हैं. आइए जानते हैं इन तीन बुरी आदतों के बारे में…
रात में झूठे बर्तन ना धुलना
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि रात में रसोईघर में झूठे बर्तन छोड़ना दरिद्रता की कारण होती है. इसकी वजह से घर में कलेश और झगड़े की स्थितियां पैदा हो जाती है. इसी वजह से पहले के लोग रसोई घर पूरी तरह से साफ कर के सोते थे. पर आजकल लोगों में घर में बर्तन साफ करने वाली लगा रखी है. जो कि शाम के समय बर्तन पर ही आती है और काम निपटा कर चली जाती है. जिस कारण रात के खाने के बर्तन सिंक में पड़े रहते हैं.
घर को गंदा रखना भी बड़ा कारण
गरुड़ पुराण के हिसाब से घर में स्वच्छ और व्यवस्थित रखना बहुत अधिक जरूरी है, नहीं तो घर में बीमारियां पनपने लगती हैं. केवल इतना ही नहीं, गरुड़ पुराण में कहा गया कि जिस घर में गंदगी होती है वहां मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है. घर में बीमारियां बढ़ने से फिजूल खर्च भी बढ़ जाते हैं. जिस वजह से घर में मतभेद और मनभेद भी होने लगते हैं और परिवार के लोगों के बीच झगड़े शुरु हो जाते हैं.
कबाड़ रखना
घर में खराब कबाड़ लोग अपने घर की छत पर ही डाल देते हैं, और वहीं पर रखकर भूल जाते हैं. पर गरुड़ पुराण के अनुसार कबाड़ को घर में नहीं रखना चाहिए. ऐसा कहते हैं कि कबाड़ रखने से घर में नकारात्मकता आती है. जिससे आर्थिक तंगी और क्लेश की स्थितियां भी पैदा हो जाती हैं.