डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति (47th President of America) बन गए हैं। उनके शपथ ग्रहण से पहले ही फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रेंकोइस बायरू (French Prime Minister Francois Bayru.) ने यूरोप को चेतावनी (Warning to Europe) दी है। उन्होंने कहा कि अगर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों का तोड़ नहीं निकाला गया तो यूरोप और फ्रांस को कुचल दिया जाएगा। बायरू ने कहा, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका की वर्चस्ववादी राजनीति शुरू हो जाएगी। अगर हमने कुछ नहीं किया तो बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हम कुचल दिए जाएंगे। फ्रांस और यूरोप को मिलकर आगे का भविष्य तय करना है।
चुनाव जीतने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि यूरोपीय संघ अमेरिकी उत्पादों की खरीद में कमी कर रहा है। इसलिए यूरोप के देशों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। ट्रंप ने एक रैली में कहा था, सुनने में यूरोपियन यूनियन बहुत अच्छा लगता है। लेकिन यह यूरोप के छोटे-छोटे देशों का समूह है। वे हमारी कार नहीं खरीदते हैं। वे हमारे कृषि उत्पाद नहीं खरीदते हैं। वहीं वे लोग मिलकर लाखों कार अमेरिका में बेचते हैं। उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही कह दिया था कि वह सभी देशों के आयात पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने जा रहे हैं। इसके अलावा चीन से आयात पर 60 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा। बता दें कि महाभियोग और हत्या के प्रयास से आगे निकलकर डोनाल्ड ट्रंप ने यह चुनाव जीता है। अमेरिका मे 20 या फिर 21 जनवरी को ही शपथ ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। पहले उपराष्ट्रपति का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। इसके बाद राष्ट्रपति अपना उद्घाटन भाषण देंगे।
निवर्तमान राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की सम्मान के साथ विदा किया जाएगा। अमेरिका के संविधान के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ब्रेट कैवनघ उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को शपथ दिलवाएंगे। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होने हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण की पूर्व संध्या पर कहा था कि वह अमेरिका के सामने आने वाले हर संकट को दूर करेंगे। कैपिटल वन एरिना में उन्होंने कहा कि 20 जनवरी से तेजी और मजबूती से काम शुरू होगा।