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साइबर कुंडली में मिलेगा साइबर क्रिमिनल का हर डाटा

कुमाऊं में साइबर अपराधियों की पुलिस डिजिटल कुंडली तैयार करेगी। इसके लिए पुलिस ने साइबर अपराधियों का डिजिटल डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। इसकी मदद से पुलिस को अपराधियों तक पहुंचने में आसानी होगी। साइबर ठगों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी और एक-एक करके दबिश देकर इन्हें पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।

आंकड़ों के मुताबिक बीते एक साल के भीतर कुमाऊं के छह जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़, नैनीताल और यूएस नगर जिले से एक हजार से अधिक लोगों से 35 करोड़ रुपये की ठगी हुई। हालांकि इनमें से 40 प्रतिशत धनराशि पुलिस ने पीड़ितों की वापस दिला दी। पैसे वापस मिलने के कारण ठगी के शिकार हुए लोगों का तत्काल पुलिस में शिकायत करना था। ठगी करने वाले अधिकांश अपराधी राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और यूपी के सामने आए हैं।

इनका एक डेटा तैयार करके पुलिस लोकेशन ट्रेस करेगी। जिसके बाद दबिश देकर इन्हें सलाखों तक पहुंचाने का काम करेगी। बता दें कि साइबर अपराध तेजी से पांव पसार रहा है। लोगों की जीवनभर की कमाई को एक झटके में ये अपराधी हड़प ले रहे हैं। आईजी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत का कहना है कि पुलिस साइबर अपराध रोकने के लिए तमाम जागरुकता कार्यक्रम चला रही है। लोगों को इस अपराध के बोर में गहराई से अध्ययन करना होगा। इन अपराधियों का डेटा तैयार कर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है।