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जस्टिन ट्रूडो को भारत से दुश्मनी पड़ी महंगी, सहयोगी ने भी अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन का किया ऐलान

भारत (India) को अपना दुश्मन बनाने के बाद से लगातार कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) की स्थिति बिगड़ती जा रही है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है। इस बीच कनाडा के न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह (Jagmeet Singh) ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह प्रधानमंत्री ट्रूडो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट देंगे। उनकी पार्टी ने इस साल ट्रूडो सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। अपने खुले पत्र में सिंह ने ट्रूडो की नेतृत्व शैली की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “जस्टिन ट्रूडो प्रधानमंत्री के रूप में विफल रहे हैं। उन्हें लोगों के लिए काम करना था, न कि शक्तिशाली लोगों के लिए।”

जगमीत सिंह ने एनडीपी की प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए कहा कि उनकी पार्टी सरकार को गिराने और कनाडाई नागरिकों को एक ऐसी सरकार के लिए मतदान करने का अवसर देने की दिशा में काम कर रही है जो उनके सर्वोत्तम हितों में काम करे।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “कनाडाई का सपना एक अच्छे रोजगार का है। आपको एक घर और भरपूर भोजन के साथ-साथ छुट्टियों के लिए बचत करने का मौका भी मिले। एक ऐसा देश हो जहां स्वास्थ्य सेवा हमेशा उपलब्ध रहे। मुझे विश्वास है कि हर कनाडाई को यह मिलना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि लिबरल पार्टी ने कनाडाई लोगों से अपने वादों को पूरा करने में विफल रही, जबकि उन्होंने पहले उम्मीद जताने वाली भाषणबाजी की थी।

यदि सभी विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में एकजुट हो जाती हैं तो देश में जल्द ही चुनाव होंगे और ट्रूडो की सत्ता का अंत हो जाएगा। कनाडा की हाउस ऑफ कॉमन्स वर्तमान में शीतकालीन अवकाश पर है, जिसका मतलब है कि औपचारिक अविश्वास प्रस्ताव 27 जनवरी, 2025 के बाद ही प्रस्तुत किया जा सकता है जब सांसद लौटेंगे।

इस बीच, प्रधानमंत्री ट्रूडो ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव की घोषणा की। उन्होंने अपनी टीम का एक तिहाई हिस्सा बदल दिया, ताकि बढ़ते राजनीतिक संकट और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बढ़ती तनावों का सामना किया जा सके। यह बदलाव ओटावा में पिछले सप्ताह हुई अप्रत्याशित घटनाओं के बाद आया, जिसमें उप प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने इस्तीफा दे दिया था। बताया गया है कि फ्रीलैंड ने ट्रूडो से इस मुद्दे पर असहमति के कारण इस्तीफा दिया था कि कैसे ट्रंप द्वारा कनाडा पर व्यापक शुल्क लगाने की धमकी का सामना किया जाए।