उत्तरवाहिनी गंगा का किनारा देव दीपावली पर अर्द्धचंद्राकार दीपों के हार से सजेगा। प्रांतीय मेला घोषित होने के बाद इस देव दीपावली के वैभव पर देश ही नहीं पूरी दुनिया की नजर रहेगी। देव दीपावली में शामिल होने के लिए सैलानियों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है।
श्री देव दीपावली आरती महासमिति के अध्यक्ष वागीश दत्त ने बताया कि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर कई संयोग एक साथ बन रहे हैं। हिंदू धर्म के अनुसार यह देवताओं की दीपावली है तो सिख, बौद्ध और जैन धर्म से भी जुड़ा हुआ है। इसलिए इस बार हम काशी के 84 गंगा घाटों से देश ही नहीं दुनिया को सनातन की एकता का संदेश देंगे।
अस्सी से राजघाट के बीच घाटों को अलग-अलग थीम के अनुसार सजाने की तैयारियां चल रही हैं। कहीं अयोध्या का राम मंदिर की झांकी, कहीं भगवान बुद्ध तो कहीं जैन धर्म के तीर्थंकर नजर आएंगे। काशी के गीतकार व संगीतकार शारदा सिन्हा को भी देव दीपावली पर नमन करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। रविवार को देव दीपावली समिति की बैठक में इस पर अंतिम मुहर लग जाएगी।