भारत के अंडर 19 टीम और रणजी ट्रॉफी के पूर्व खिलाड़ी एम. सुरेश कुमार ने शुक्रवार देर रात आत्महत्या कर ली है। 47 साल के एम सुरेश कुमार के आत्महत्या करने की जानकारी पुलिस ने दी है। पुलिस ने बताया कि एम सुरेश कुमार ने अपने घर पर ही सुसाइड किया और उनकी लाश वहीं से बरामद हुई। एम सुरेश कुमार ऑलराउंडर थे और रणजी ट्रॉफी में केरल के लिए खेला करते थे।
एम सुरेश कुमार ने 1992-93 में अपना रणजी डेब्यू किया था और 2005-06 तक उन्होंने 72 मुकाबले खेले। एम सुरेश कुमार ने इन 72 मुकाबलों में 1,657 रन बनाने के साथ ही 196 विकेट भी लिए। हालांकि सुरेश कुमार को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका कभी नहीं मिला।
सुरेश कुमार ने केरल के 52 रणजी मैच खेले और रेलवे के लिए उन्होंने 17 रणजी मैच खेले। सुरेश कुमार फिलहाल रेलवे में नौकरी कर रहे थे। सुरेश कुमार ने दलीप ट्रॉफी में साउथ जोन और सेंट्रल जोन की तरफ से किस्मत आजमाई।
एम सुरेश ने इंडिया की ओर से अंडर 19 क्रिकेट खेला है। इतना ही नहीं एम सुरेश का 1992 में वनडे टीम में सिलेक्शन हुआ था लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
एम सुरेश के शानदार रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण माना गया। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ एम सुरेश की गेंदबाजी की तारीफ कर चुके हैं। 13 साल की उम्र में ही सुरेश कुमार ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। 90 के दशक में एम सुरेश ने केरल की तमिलनाडु पर पहली जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
बता दें कि सुरेश कुमार अपने खेल के दिनों में एक बाएं हाथ के स्पिनर थे और 1990 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले केरल के पहले क्रिकेटर बने, जब उन्होंने 1990 में U-19 जर्सी वापस ली थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीज़न। उस अंडर -19 टीम का नेतृत्व राहुल द्रविड़ कर रहे थे और कीवी टीम को स्टीफन फ्लेमिंग और डियॉन नैश पसंद थे। रूबिकॉन प्रोजेक्ट द्वारा संचालित उन्होंने केरल के लिए खेलते हुए 1995-96 में रणजी ट्रॉफी सीज़न में राजस्थान के खिलाफ हैट्रिक ली थी। सुरेश कुमार ने 1994-95 सीज़न में तमिलनाडु पर केरल की पहली रणजी ट्रॉफी जीत में भी बड़ी भूमिका निभाई थी जब उन्होंने 164 रन पर 12 विकेट हासिल किए थे।
पुलिस ने कहा कि सुरेश कुमार का शव अलप्पुझा में घर में लटका हुआ मिला और घटना की जांच जारी है।