केंद्र में जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) को पूर्ण राज्य (Statehood) का दर्जा बहाल करने पर सहमति बन गई है। वहीं, लद्दाख केंद्र (Ladakh remain UT) शासित प्रदेश बना रहेगा। संभवतः नवंबर के आखिरी हफ्ते में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाया जाएगा और इसपर चर्चा होगी।
Consent on giving statehood to Jammu and Kashmir : बता दें राज्य के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कुछ दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान सीएम उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड देते हुए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया था। जिसके बाद उमर को दोनों नेताओ ने इसी साल जम्मू-कश्मीर के राज्य बहाली का आश्वासन मिला था।
बता दें कि बीतें हुए साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए थे। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उस समय ही राज्य के हालात सामान्य होने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा दिया था। हाल ही में हुए राज्य के विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने इसे दोहराया था।
विधानसभा चुनाव के बाद नवगठित उमर अब्दुल्ला सरकार की पहली कैबिनेट मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पास करके उप-राज्यपाल को भेजा गया था। जिसके बाद LG मनोज सिन्हा ने बिना देरी किये 19 अक्टूबर को प्रस्ताव मंजूर करने के बाद गृह मंत्रालय को भेज दिया था।
हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की घोषणा भी की थी, हालांकि चुनाव होने के बाद बहुमत उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस को मिला है।