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सामाजिक आर्थिक मानदंड के 5 अंकों को लेकर CM सैनी का बयान, अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी हरियाणा सरकार

कल यानी शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में सरकारी भर्तियों (Haryana Govt Jobs) में मिलने वाले सामाजिक आर्थिक मानदंड के 5 अंकों को संविधान के विरुद्ध करार दिया है. हाई कोर्ट ने सरकारी भर्तियों में मिलने वाले इन 5 अंकों को रद्द कर दिया है. अब आगे ग्रुप सी और डी की किसी भी भर्ती में 5 अंको का लाभ नहीं दिया जाएगा. पिछले लंबे समय से यह मामला कोर्ट में अटका हुआ था.

Nayab Singh

सभी ग्रुपों की फिर से होगी परीक्षाएं

इन 5 अंकों की वजह से टीजीटी, ग्रुप सी और ग्रुप डी की भर्ती फंसी हुई थी. अब फैसला आने के बाद हो सकता है कि TGT का परिणाम जारी किया जाए. कोर्ट की तरफ से बिल्कुल स्पष्ट कर दिया गया है कि अब किसी भी उम्मीदवार को पांच अंको का लाभ नहीं मिलेगा और सभी भर्तियां मात्र मेरिट बेस पर होंगी.

CET के तहत, ग्रुप नंबर 56, 57, 1, 2 की परीक्षाएं भी रद्द हो चुकी है. अब ग्रुप सी क़े सभी ग्रुपों के लिए फिर से एग्जाम लिया जाएगा. 20 ग्रुपों के जिन उम्मीदवारों को जॉइनिंग दी जा चुकी है उनका एग्जाम भी दोबारा होगा.

बता दें कि एक बार फिर से मेरिट लिस्ट बनेगी. जिस उम्मीदवार का नाम मेरिट लिस्ट में होगा सिर्फ वही नौकरी पर रहेगा व अन्य उम्मीदवारों को नौकरी छोड़नी होगी. इन 5 नंबरों को बचाने के लिए सरकार ने अपनी तरफ से कई अपील दायर की थी. मगर कोर्ट ने इन 5 नंबरों को संविधान के विरुद्ध बताते हुए रद्द कर दिया है.

अंतिम विकल्प तक लड़ाई लड़ेगी हरियाणा सरकार

इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का ट्वीट आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि समाज के गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग को आगे लाने के लिए अतरिक्त 5 नंबर देने कि एक महत्वकांक्षी योजना हरियाणा सरकार ने बनाई गई थी. इसके विरुद्ध हाई कोर्ट ने निर्णय दिया और इसे निरस्त कर दिया गया. हरियाणा सरकार के नाते हम संवैधानिक और कानूनी परक्रियाओं के तहत इस लड़ाई को जारी रखेंगे और माननीय सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. गरीबों, कमज़ोर और वंचितों को न्याय दिलाने की यह लडाई हरियाणा सरकार अंतिम विकल्प तक लड़ती रहेगी यानी कि अब हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है.