देश के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक छठ पर्व इस साल 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मनाया जा रहा है. लोकआस्था का यह पर्व हर साल कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है. इस पूजा में व्रती 36 घंटे तक बगैर कुछ खाए-पिए व्रत रखती हैं. छठ में विशेष तौर पर सूर्य और छठी माता की पूजा की जाती है. मान्यता है कि छठी माता की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है. संतान प्राप्ती के लिए भी छठ पूजा का विशेष महत्व माना गया है. वैसे तो आम दिनों में महिलाएं अपनें माथे के ऊपरी हिस्से में सिंदूर लगाती हैं, लेकिन छठ पूजा के दौरान सिंदूर माथे से लेकर नाक तक लगाया जाता है. इसके पीछे क्या है मान्यता आइए जानें..
क्यों लगाते हैं लंबा सिंदूर
महिलाओं के लिए सिंदूर उनके सुहाग की निशानी होती है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार विवाहित महिलाओं के लिए सिंदूर सौभाग्य का प्रतीक होता है. छठ पूजा के दौरान महिलाएं नारंगी रंग का मोटा सिंदूर लगाती हैं. मान्यता है कि लंबा सिंदूर लगाने से स्त्री के पति की आयु लंबी होती है, और उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. छठी माता की पूजा करने से परिवार में समृद्धि और खुशियां भी आती है.
सिंदूर लगाने का सही तरीका
छठ पूजा के दौरान माथे से लेकर नाक तक, लंबा सिंदूर लगाने की प्रथा है. लेकिन, इसे लगाने का एक तरीका होता है. सिंदूर को नाक के आखिरी छोर से लगाना शुरू करते हैं और माथे के बीचो-बीच से ले जाते हुए मांग तक लगाते हैं. हालांकि कई इलाको में इसे सिर्फ माथे से लेकर मांग तक ही लगाया जाता है. मान्यता है कि लंबा सिंदूर पति की लंबी आयु का प्रतीक होता है.