बेहतर भविष्य पाने के लिए हर कोई नई नई तरकीबें खोजता है लेकिन उनको फल नहीं मिल पाता है। इन सब बातों का सही सार पता करने के लिए आपको चाणक्य के उन 4 गुरु मंत्रों को समझना होगा जो आपका करियर तक बदल सकते हैं। संसार में हर कोई व्यक्ति सफलता पाने के लिए अपने प्रयास करता है और वह असफल होने पर अपने भाग्य को ही दोष देता है, लेकिन अपनी नाकामयाबी के लिए भाग्य को दोष देना उचित नहीं।
आचार्य चाणक्य का मानना था की तरक्की करने के लिए मेहनत और लगन के साथ-साथ व्यक्ति के अंदर 4 गुणों का होना बहुत आवश्यक है। इन 4 गुणों से व्यक्ति के अंदर एक अलग शक्ति प्रदान हो जाती है, जो उसे विकसित करने में मददगार साबित होती है।
इन चार गुणों का पालन करना उतना ही आवश्यक है, जितना कि अपनी सफलता पाने के लिए मेहनत और लगन के साथ कर्तव्यनिष्ठ होकर सतत प्रयास करना होता है।
1- अनुशासित होना
आचार्य के अनुसार आप अपने उपलब्धि को पाने के लिए सतत प्रयास करते हैं और अच्छे हुनर के साथ साथ यदि आप अपना कार्य अनुशासित तरीके से समय को गंभीरता से लेते हुए हर काम को अंजाम देते हैं तो नौकरी हो या कोई भी व्यापार आप अपने इमानदारी से सफल बना सकते हैं।
2- साहसिक होना
सफल होने के लिए आपको विभिन्न प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और उन जोखिम कार्यों में आपका साहस ही आपको मजबूत बनाता है क्योंकि उन जोखिम कार्यों में साहसिक होकर निर्णय लेने में इस बात को भी ध्यान में रखना होता है कि हमें आने वाले हैं नुकसान की भी भरपाई करनी पड़ सकती है इसके लिए पहले से ही अध्ययन करके हमें तैयार रहना पड़ता है ताकि उचित समय में हम साहस के साथ उचित निर्णय ले सके।
3- कुशल व्यवहारिक होना
आप नौकरी पेशा में हो या व्यापार वाले आपका सहज व्यवहार ही आपको कुशल बनाता है दूसरे के सामने आप अपनी छाप तभी छोड़ पाते हैं जब आपका व्यवहार लोगों के हृदय में सांत्वना प्रदान करें क्योंकि जब लोग आपसे बात करने में सहजता महसूस करेंगे तभी आप किसी भी कार्य में अपने मुकाम को अंजाम दे सकते हैं और सबके खास बन कर ही आप तरक्की कर सकते हैं।
4- एकजुट भावना
आप कोई भी कार्य करते हैं और उस कार्य में आप कभी भी अकेले सफल नहीं हो सकते हैं जब आप सबको साथ लेकर चलते हैं और मन में एकजुट होने की भावना रखते हैं तो आपको एक अलग ही शक्ति प्रदान होती है और आप एक मजबूत टीम की तरह अपनी तरक्की पा सकते है।