नवरात्रि वर्ष में चार बार होती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन। नवरात्रि से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है। माता रानी के सभी भक्त इन 9 दिनों को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाते हैं। नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही माता के भजन कीर्तन कर सभी भक्त अपने व्रत को सफल करते हैं। ऐसे ही नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
बता दें कि मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है।