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CBI के शिकंजे में फंसा नीरव मोदी का अहम सहयोगी, काहिरा से मुंबई वापस लाने में मिली सफलता

बैंक धोखाधड़ी (bank fraud) मामले में भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को जहां बड़ा झटका लगा है वहीं सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल, सीबीआई ने नीरव मोदी(Nirav Modi) के अहम सहयोगी सुभाष शंकर को काहिरा से मुंबई वापस लाने में सफलता हासिल (achieve success) की है। सीबीआई उसे देश वापस लाने के लिए काफी लंबे वक्त से ऑपरेशन चला रही थी। जानकारी के मुताबिक 49 साल का सुभाष शंकर 2018 में नीरव मोदी के साथ भारत से भाग गया था। ये नीरव मोदी का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है। सीबीआई अब सुभाष की पेशी मुंबई कोर्ट में करवाकर अपनी कस्टडी में लेगी।

इंटरपोल ने जारी किया था नोटिस
साल 2018 में इंटरपोल ने पीएनबी बैंक घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के अनुरोध पर नीरव मोदी, उसके भाई निशाल मोदी और उसके कर्मचारी सुभाष शंकर(Employee Subhash Shankar) के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इंटरपोल ने चार साल पहले मुंबई की एक विशेष अदालत में सीबीआई द्वारा दायर आरोपपत्र और वहां के विशेष न्यायाधीश जेसी जगदाले द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी किया था।

 

नीरव मोदी पर 7000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
बता दें कि नीरव मोदी ने पीएनबी से करीब 7000 करोड़ रुपये का घोटाला किया था। जिसके बाद वह विदेश भाग गया था। फिलहाल वह लंदन की एक जेल में है। भारत सरकार उसे वापस लाने की हर संभव कोशिश कर रही है। नीरव मोदी ने 2017 में अपनी कंपनी फायरस्टार डायमंड के जरिए प्रतिष्ठित रिदम हाउस बिल्डिंग खरीदी थी। उसका प्लान इसे हेरिटेज प्रॉपर्टी में बदलने का था। माना जाता है कि उसने ज्यादातर संपत्तियां पीएनबी घोटाले से हासिल रकम से खरीदी थी।