केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय (Union ministry of road transport) ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें भारत स्टेज (BS-VI) वाहनों के मामले में सीएनजी और एलपीजी (LPG) किट की रेट्रो फिटमेंट और 3.5 टन से कम भार वाले डीजल इंजनों को सीएनजी/एलपीजी इंजन से बदलने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है. अभी तक, BS-IV उत्सर्जन मानदंडों के तहत मोटर वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति है. यह अधिसूचना रेट्रो फिटमेंट के लिए स्वीकृति संबंधी जरूरतों के प्रकार को निर्धारित करती है. CNG पर्यावरण के अनुकूल एक ईंधन है और यह पेट्रोल और डीजल वाले इंजनों की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कण पदार्थ और धुएं के उत्सर्जन स्तर को कम करेगा.
यह मसौदा अलग-अलग हितधारकों के परामर्श से तैयार किया गया है. इस संदर्भ में, सभी संबंधित हितधारकों से 30 दिनों की अवधि के भीतर टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. यह बात केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कहने के कुछ दिनों बाद आई है. उन्होंने कहा था कि हरित ईंधन (green fuel) और बिजली से चलने वाले वाहन (electric-run vehicles) डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले मौजूदा वाहनों की जगह लेंगे.
उन्होंने हाल ही में यह भी कहा था कि अगर हम जैव ईंधन (Biofuel) के साथ डीजल को प्रतिस्थापित नहीं करते हैं, तो देश का कच्चे तेल (crude oil) का आयात बिल अगले पांच वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा.
3 साल के लिए वैलिड होगा अप्रूवल
मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सीएनजी किट से रेट्रोफिट किए गए वाहनों के लिए टाइप अप्रूवल इस तरह के अप्रूवल जारी होने की तारीख से 3 वर्ष के लिए वैलिड होगा और हर 3 साल में एक बार रिन्यू किया जाएगा. सीएनजी प्रचालन के लिए रेट्रोफिट वाहनों के लिए अप्रूवल विशेष रूप से निर्मित वाहनों के लिए दिया जाएगा.
इस तरह की किट को किसी भी वाहन में सीसी इंजन क्षमता की निर्दिष्ट सीमा के भीतर 1500cc तक के वाहने के लिए ±7% और 1500 सीसी के ऊपर ±5% की क्षमता सीमा के भीतर रेट्रोफिटमेंट के लिए उपयुक्त माना जाएगा.