Breaking News

हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के लिए BJP की नई रणनीति, पलटे जाएंगे खट्टर के 4 बड़े फैसले

लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हार की समीक्षा शुरू कर दी है. समीक्षा बैठक में मिले फीडबैक में 4 बड़े मुद्दों की वजह से पार्टी को 5 लोकसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है. शहरी क्षेत्रों में प्रोपर्टी आईडी और नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) हार का मुद्दा बनकर उभरे हैं.

BJP

ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार पहचान पत्र (PPP), बुढ़ापा पेंशन और सरपंचों की पॉवर घटाने के मुद्दे से पार्टी को लोगों की जमकर नाराजगी झेलनी पड़ी. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हुए अपने पक्ष में माहौल बनाया, जिसके चलते 46 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा.

संशोधन जरूरी: सैनी

बता दें कि ये सभी फैसले पूर्व सीएम मनोहर लाल के कार्यकाल में लिए गए थे. खट्टर ने इन फैसलों को प्रदेश हित में बताया था, लेकिन अब यही फैसले बीजेपी सरकार के गले की फांस बन चुके हैं. सीएम नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की मीटिंग में विधायकों ने स्पष्ट किया था कि यदि इन चारों मुद्दों में संशोधन किया जाता है, तो सरकार की छवि बेहतर बन सकती है. इस दौरान बैठक में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यदि इन मुद्दों को वापस लिया जाता है, तो विपक्ष इसको विधानसभा चुनाव में फिर से मुद्दा बनायेगा.

अधिकारियों से मांगी रिव्यू रिपोर्ट

लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद मिले फीडबैक के बाद अब सीएम नायब सैनी ने इस संबंध में अधिकारियों को रिव्यू कर रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया है. हरियाणा सीएमओ के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा  चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सरकार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों को पलटेगी.

फैसलों को पलटने में 2 बड़े पेंच

विपक्ष होगा एक्टिव

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों को पलटने पर विपक्ष पूरी तरह से हावी हो जाएगा. फैसलों में संशोधन या वापस लेने पर विपक्ष विधानसभा चुनाव में इसको मुद्दा बनायेगा. इसके साथ ही, जनता के बीच इसका गलत संदेश जाएगा.

भ्रष्टाचार बनेगा गले की फांस

वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा लिए गए फैसलों के ज्यादातर काम पोर्टल के माध्यम से होते हैं. ऑनलाइन हो रहे कार्यों में सभी जरूरी डाक्यूमेंट्स पूरे होने के बाद पेंशन, एनडीसी, प्रोपर्टी आईडी जैसे काम होते हैं. जब ये काम आफलाइन शुरू होंगे तो लोगों को सरकारी दफ्तरों में जाना पड़ेगा. ऐसे में रिश्वत के मामलों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा तो सरकार की छवि पर और अधिक असर पड़ेगा.