भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनावों में दक्षिण भारत में बढ़ते जनसमर्थन को देखते हुए पार्टी इस बार दक्षिण के किसी नेता को अध्यक्ष बनाने पर विचार कर सकती है। इस दौड़ में जी. किशन रेड्डी, बंडी संजय कुमार और प्रल्हाद जोशी के नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहे हैं।
पार्टी में साल 2000 से 2004 के बीच तीन बार दक्षिण भारतीय नेता अध्यक्ष रह चुके हैं— बंगारू लक्ष्मण (तेलंगाना), जना कृष्णामूर्ति (तमिलनाडु) और वेंकैया नायडू (आंध्र प्रदेश)। इसके बाद से पिछले 20 वर्षों से उत्तर भारतीय नेता ही पार्टी की कमान संभालते आ रहे हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार BJP दक्षिण के किसी प्रभावशाली नेता को मौका दे सकती है।
अध्यक्ष पद की रेस में ये नाम आगे
1. जी. किशन रेड्डी (64 वर्ष)
- तेलंगाना BJP अध्यक्ष और केंद्रीय कोयला मंत्री।
- ओबीसी समुदाय से आते हैं, सरकार और संगठन दोनों का अनुभव।
- पूर्व में भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं।
2. बंडी संजय कुमार (53 वर्ष)
- हिंदुत्व और ओबीसी दोनों समीकरण साधने वाले नेता।
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और BJP के राष्ट्रीय महासचिव।
- तेलंगाना के करीमनगर से सांसद और राज्य के पूर्व अध्यक्ष।
- संघ पृष्ठभूमि से आते हैं और एबीवीपी से जुड़े रहे हैं।
3. प्रल्हाद जोशी (62 वर्ष)
- सरकार, संगठन और संसदीय मामलों के विशेषज्ञ।
- कर्नाटक के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और धारवाड़ से लगातार 5 बार सांसद।
- मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में संसदीय कार्य मंत्री रहे।
- विवादों से दूर रहने वाले लो-प्रोफाइल नेता।
होली के बाद मिल सकता है नया अध्यक्ष
BJP के संगठनात्मक नियमों के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब आधे से अधिक राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो जाएं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में मार्च के पहले सप्ताह तक चुनाव पूरे होने की उम्मीद है। ऐसे में होली के बाद BJP को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की संभावना जताई जा रही है।
अब तक BJP के 11 राष्ट्रीय अध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गठन के बाद से अब तक 11 नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली है। ये सभी नेता अपने-अपने कार्यकाल में संगठन को मजबूत करने और पार्टी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
- अटल बिहारी वाजपेयी (1980-1986)
- लाल कृष्ण आडवाणी (1986-1990, 1993-1998, 2004-2005)
- डॉ. मुरली मनोहर जोशी (1991-1993)
- कुशाभाऊ ठाकरे (1998-2000)
- बंगारू लक्ष्मण (2000-2001)
- जना कृष्णमूर्ति (2001-2002)
- एम. वेंकैया नायडू (2002-2004)
- राजनाथ सिंह (2005-2009, 2013-2014)
- नितिन गडकरी (2010-2013)
- अमित शाह (2014-2020)
- जगत प्रकाश नड्डा (2020-वर्तमान)
BJP के दक्षिण भारत में बढ़ते जनाधार की झलक (लोकसभा चुनावों में वोट शेयर %)
राज्य | 2014 | 2019 | 2024 (अनुमानित) |
---|---|---|---|
केरल | 10.33% | 12.93% | 16.67% |
आंध्र प्रदेश | 7.18% | 0.98% | 13.07% |
कर्नाटक | 43.37% | 51.38% | 46.05% |
तमिलनाडु | 5.56% | 3.66% | 10.72% |
तेलंगाना | 10.37% | 19.45% | 35.06% |
BJP के रणनीतिकार मानते हैं कि यदि दक्षिण भारत से अध्यक्ष चुना जाता है, तो पार्टी को 2029 के आम चुनावों में और मजबूत आधार मिल सकता है।