बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले भाजपा (BJP) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता राधाकांत गुप्ता शुक्रवार को अपनी पार्टी छोड़कर राजद में शामिल हो गए। इस अवसर पर आयोजित एक समारोह में राजद के प्रधान महासचिव रणविजय साहू ने राधाकांत गुप्ता को सदस्यता पर्ची सौंपी।
रणविजय साहू ने राजद में शामिल होने वाले अन्य नेताओं को भी सदस्यता पर्ची प्रदान की। साहू ने राधाकांत गुप्ता का अपनी पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि समय की मांग है कि देश को चलाने के लिए संवैधानिक प्रावधानों को खत्म करने के नरेंद्र मोदी सरकार के कदम का विरोध करने के लिए ईमानदार और प्रतिबद्ध प्रयास किए जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार के शासनकाल में सभी संवैधानिक संस्थाओं पर हमला किया गया और उन्हें आरएसएस की लाइन पर चलने के लिए मजबूर किया गया।
राजद नेता ने कहा कि जब बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में राजद शामिल था, तब शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, आईटी और सिंचाई समेत सभी क्षेत्रों में गुणात्मक परिवर्तन देखने को मिले थे। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने नौकरी और रोजगार के मुद्दे को राजनीति के मुख्य एजेंडे में ला दिया था। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के दबाव में मुख्यमंत्री कुमार ने संबंधित अधिकारियों को बिहार के युवाओं को नौकरी देने के लिए रिक्त पदों पर नियुक्तियों के लिए विज्ञापन देने का निर्देश दिया था।
राजद में शामिल होने वाले नेताओं ने कहा कि वे पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद की विचारधारा से काफी प्रभावित हैं, जिन्होंने सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए कड़ा संघर्ष किया था। उन्होंने कहा कि लालू और तेजस्वी ही बिहार के गरीबों और वंचितों की एकमात्र उम्मीद हैं।