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‘औरंगजेब का मकबरा संरक्षित स्मारक है’, CM देवेंद्र फडणवीस बोले- महिमामंडन की अनुमति नहीं देंगे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि मुगल सम्राट औरंगजेब का मकबरा एक संरक्षित स्मारक है, जिसे पसंद करें या न करें, उसे हटाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी को भी इस स्मारक का महिमामंडन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

नागपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए फडणवीस ने कहा कि ‘‘हम औरंगजेब को पसंद करें या न करें, उसका मकबरा एक संरक्षित स्मारक है और इसे हटाने की कोई अनुमति नहीं है।” यह बयान तब आया जब दक्षिणपंथी संगठनों ने औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग की थी। खासतौर पर छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्ताबाद शहर में स्थित औरंगजेब के 17वीं सदी के मकबरे को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इस प्रदर्शन के दौरान एक पवित्र पुस्तक की पंक्तियां लिखी चादर जलाए जाने की अफवाहों के कारण इस महीने की शुरुआत में नागपुर में हिंसा भी भड़क गई थी।

‘सोनिया गांधी को सही जानकारी जुटानी चाहिए’
इसके अलावा, फडणवीस ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के द्वारा केंद्र सरकार पर नई शिक्षा नीति 2020 को लेकर किए गए आरोपों को भी खारिज किया। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति का इस्तेमाल शिक्षा को सांप्रदायिक बनाने के लिए कर रही है। फडणवीस ने कहा, ‘‘हम शिक्षा का भारतीयकरण कर रहे हैं और इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि भारतीयों को अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई शिक्षा प्रणाली से बाहर निकलने की जरूरत है और इस प्रक्रिया का कोई देशभक्त विरोध नहीं कर सकता।

मुख्यमंत्री ने टी बी मैकाले के एक पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अंग्रेजों के शासन को बनाए रखने के लिए भारतीयों को एक विशेष प्रकार की शिक्षा दी जा रही थी। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) द्वारा बैंकों में मराठी भाषा के इस्तेमाल की मांग पर फडणवीस ने कहा कि मराठी भाषा का उपयोग जहां अपेक्षित हो, वहां किया जाना चाहिए और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।

कुंभ मेला 2027 के लिए शुरू की गई योजनाएं: फडणवीस
मुख्यमंत्री ने नासिक में 2027 के कुंभ मेला और नदियों की सफाई को लेकर किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ अभियान शुरू किए हैं, लेकिन इन कार्यों में समय लगता है। नदियों में अपशिष्ट छोड़ने से पहले उनका उपचार किया जाना चाहिए और इसके लिए सरकार उपचार संयंत्रों का समर्थन करती है। आखिरकार, फडणवीस ने बिजली दरों में कमी की बात भी की।