शतावरी एक आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी-बूटी है, जिसका वैज्ञानिक नाम एस्पैरागस रेसमोसस है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए किया जाता है। शतावरी के पौधे के सभी हिस्से औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। जिनमें जड़, तना और पत्तियों का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है। इसमें फाइटोएस्ट्रोजेन और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। इसका कैप्सूल, चूर्ण या चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है, जो शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में सहायक होता है।
तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इसके फायदे और इस्तेमाल करने के तरीकों के बारे में।
एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ाना
फाइटोएस्ट्रोजेन से भरपूर शतावरी शरीर में प्राकृतिक रूप से एस्ट्रोजन स्तर को संतुलित रखती हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन से उत्पन्न समस्याओं में राहत मिलती हैं।
मासिक धर्म लक्षणों में राहत
शतावरी मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन, सूजन और मूड स्विंग जैसी समस्याओं को कम करने में सहायक होती है।
मेनोपॉज में सहायक
शतावरी का सेवन मेनोपॉज के दौरान हार्मोन में होने वाले परिवर्तनों को संतुलित रखता है, जिससे गर्मी का एहसास, मूड स्विंग और अन्य लक्षणों से राहत मिलती है।
प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार
यह प्रजनन अंगों को पोषण देकर महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देती है। गर्भाशय को स्वस्थ रखती है, जो गर्भावस्था की तैयारी में सहायक है।
स्ट्रेस और एंजाइटी में कमी
एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर शतावरी में अवसाद रोधी गुण पाए जाते हैं। शतावरी को अश्वगंधा के साथ लेने पर ये तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को कम करता है जो स्ट्रेस और एंजाइटी को बढ़ाते हैं।
इम्यूनिटी में वृद्धि
शतावरी के एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जिससे हार्मोनल असंतुलन से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
पाचन स्वास्थ्य में सुधार
शतावरी का सेवन पाचन तंत्र को संतुलित रखता है, जिससे भोजन और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है।
मासिक धर्म चक्र को नियमित करे
नियमित रूप से शतावरी का सेवन मासिक धर्म चक्र को नियमित बनाए रखता है, जिससे हार्मोनल संतुलन बेहतर होता है।
शतावरी का इस्तेमाल
पाउडर- 1-2 चम्मच शतावरी पाउडर गर्म पानी या दूध के साथ लें।
कैप्सूल- रोजाना 1-2 कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं। ये मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं।
चाय- शतावरी की जड़ को गर्म पानी में उबालकर चाय की तरह सेवन करें। वैसे इसकी चाय मार्केट में उपलब्ध है।
अर्क- शतावरी अर्क का सेवन सबसे तेजी से असर दिखाता है।