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Apple के CEO ने डोनाल्ड ट्रंप के इनॉगरेशन फंड के लिए डोनेट किए 1 मिलियन डॉलर

पिछले साल अमेरिका (America) की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत हुई है। अब उनके शपथ पर सबकी निगाह है। जोकि इसी महीने की 20 जनवरी को होगा। Axios की रिपोर्ट के अनुसार एप्पल के सीईओ टिम कुक (Apple CEO Tim Cook) ने डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के शपथ का अयोजन करने वाली संस्था को इनॉगरेशन फंड (Inauguration Fund) के लिए 1 मिलियन डॉलर डोनेट किया है। यह डोनेशन वो अपने पास से कर रहे हैं।

टिम कुक से पहले कई और उद्दोगपतियों ने भी डोनाल्ड ट्रंप के इनॉगरेशन फंड के लिए डोनेट का ऐलान किया है। जिसमें अमेजन, ओपन एआई, टोयोटो, मोटर ऑफ नॉर्थ अमेरिका और क्रिप्टो कंपनी क्रैकेन, रिप्पल आदि शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार टिम कुक मानना है कि यह शपथ अमेरिका की महान परंपरा की पहचान है। और यह योगदान “स्प्रिट ऑफ यूनिटी” को दर्शाता है।

कौन कितना कर रहा डोनेट?
नॉर्थ अमेरिका के टोयोटा मोटर ने 1 मिलियन डॉलर के डोनेशन का ऐलान किया है। जोकि फोर्ट मोटर और जनरल मोटर्स के बराबर है। अमेरिकी का ऑटोमेकर्स कंपनियां इस आयोजन के लिए गाड़ियों का भी योगदान करेंगी। ऊबर टेक्नोलॉजी और उनके सीईओ ने भी एक-एक मिलियन डॉलर का भी ऐलान किया है। अमेजन भी 1 मिलियन डॉलर का डोनेट करेगा।

एप्पल का सिरी कर था जासूसी?
टिम कुक यह डोनेशन ऐसे समय में किया है जब एप्पल एक केस में जुर्माना भरने पर सहमति जताई है। एप्पल के वर्जुअल अस्टिटेंट सिरी पर जासूसी का आरोप लगा था। जिसके लिए कंपनी 95 मिलियन डॉलर (790 करोड़ रुपये) का जुर्माना देने पर सहमति जताई है।

कैलिफोर्निया के ऑकलैंड के कोर्ट में 5 साल पुराने मुकदमे का समाधान करेगा। इस पूरे मामले में आरोप लगा था कि एप्पल ने 10 सालों से अधिक समय तक आईफोन और वर्चुअल अस्टिटेंट से लैस डिवाइस के जरिए बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए सिरी का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार आरोप यह भी लगा था कि सिरी ने उन यूजर्स की भी रिकॉर्डिंग की जिन्होंने इसे अपने डिवाइस में एक्टिवेट नहीं किया था। रिपोर्ट के अनुसार इसी थर्ड पार्टी के साथ भी शेयर किया गया था।

इस पूरे प्रकरण पर एप्पल ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। कंपनी की तरफ से इन आरोपों को खारिज किया गया था। कंपनी के सीईओ टिम कुक प्राइवेसी एक फंडामेंटल राइट की वकालत करते रहते हैं। लेकिन यह केस कई सवाल खड़ा कर रही है।