कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात की। उन्होंने खाद का स्टॉक चेक किया। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में जिन उर्वरकों की पूर्ति हो रही उनमें से 30 फीसदी सहकारी समिति पर उपलब्ध रहेंगे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि निजी कंपनियों की खाद अब सहकारी समितियों पर भी मिलेगी। निजी कंपनियों को अपनी हिस्सेदारी का 30 फीसदी उर्वरक सरकारी समितियां को देने का आदेश है। डीएपी के साथ अन्य उर्वरक देने के लिए कोई भी सहकारी समिति किसानों को बाध्य नहीं करेगी। शिकायत मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
कृषि मंत्री ने रविवार को सर्किट हाउस में डीएपी की उपलब्धता पर पत्रकारों से बात की है। उन्होंने कहा कि राज्य में 3.72 लाख टन से अधिक डीएपी और एनपीके की उपलब्धता है। खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। केंद्र सरकार तीन दिन के भीतर ही 42 रैक खाद और उपलब्ध कराएगी।
मौजूदा समय में रोजाना औसतन करीब 15000 मीट्रिक टन डीएपी और 11000 मीट्रिक टन एनपीके की खपत हो रही है। प्रेसवार्ता के बाद कृषि मंत्री ने खाद का स्टॉक चेक किया और अफसरों के साथ बैठक कर दिशा-निर्देश दिए।
सभी खाद एक ही, भ्रम में न रहे किसान
कृषि मंत्री ने कहा कि डीएपी और एनपीके आयात होकर आता है, तो आयातित वैसल में से संबंधित उर्वरक अलग-अलग कंपनियां अपने-अपने ब्रांड नाम के अनुसार पैकिंग करके सप्लाई करती हैं।
चाहे कृभको हो या इफको व अन्य कंपनियों जैसे-आईपीएल, चंबल, एनएफएल, पीपीएल हो सभी उर्वरक एक ही हैं। इसलिए भारत सरकार ने उसे भारत उर्वरक का नाम दिया है। भारत डीएपी, एनपीके, एसएसपी, टीएसपी इत्यादि खाद का उर्वरा शक्ति के अनुसार सामान्य ही कार्य करती हैं। किसान किसी भी भ्रम में न रहें न ही कोई संदेह करें। चाहे वह सहकारिता के क्षेत्र से उर्वरक खरीद कर रहे हो या निजी क्षेत्र से, सभी जगह एक ही प्रकार की डीएपी और एनपीके उर्वरक उपलब्ध है।