Breaking News

‘Agneepath’: विरोध प्रदर्शनों के बीच महिंद्रा ग्रुप ने किया ‘अग्निवीरों’ की भर्तियों का ऐलान

महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) ने सेना में चार साल की सेवा के बाद ‘अग्निवीरों’ की भर्तियों (Recruitment of ‘Agniveers’) का ऐलान किया है। उद्योगपति आनंद महिंद्रा (Industrialist Anand Mahindra) ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी है। उन्होंने ‘अग्निपथ’ योजना (‘Agneepath’ scheme) को लेकर जारी हिंसा पर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने अग्निवीरों को मिलने वाली ट्रेनिंग को खास बताया है। देश के कई राज्यों में योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (protest against the plan) जारी है। कई संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया है।

महिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘अग्निपथ प्रोग्राम को लेकर जारी विरोध से दुखी हूं। बीते साल जब योजना पर विचार किया गया था, तो मैंने कहा था औऱ मैंने दोहराया था कि अग्निवीर जो अनुशासन और कौशल सीखेंगे, वह उन्हें खासतौर से रोजगार के लायक बना देगा। महिंद्रा ग्रुप ऐसे प्रशिक्षित, सक्षम युवाओं की भर्ती के मौके का स्वागत करता है।’

खास बात है कि बीते दिनों कई प्रदर्शनकारी अग्निवीरों के भविष्य को लेकर सवाल उठा चुके हैं। नई व्यवस्था के तहत अग्निपथ के जरिए भर्ती होने वाले अग्निवीरों को चार सालों तक सेना में सेवा का मौका मिलेगा। हालांकि, इस अवधि के बाद सेना ने 25 फीसदी सैनिकों की सेवा में विस्तार की बात कही है। इससे पहले सैनिक 20 साल का कार्यकाल पूरा करते थे।

दिशा निर्देश जारी
भाषा के अनुसार, भारतीय सेना ने ‘अग्निपथ सेनाभर्ती योजना’ के तहत सेना में शामिल होने के इच्छुक आवेदकों के लिए रविवार को दिशा-निर्देश और अन्य संबंधित जानकारी जारी की। सेना ने कहा कि ‘अग्निवीर’ भारतीय सेना में अलग श्रेणी होगी जो मौजूदा रैंक से अलग होगी और उन्हें किसी भी रेजीमेंट या यूनिट में तैनात किया जा सकेगा। सेना ने कहा कि सरकारी गोपनीयता कानून, 1923 के तहत ‘अग्निवीरों’ को चार साल की सेवा के दौरान मिली गोपनीय सूचनाओं को किसी भी अनाधिकारिक व्यक्ति या सूत्र को बताने से प्रतिबंधित किया जाएगा।

सेना ने कहा, ”इस योजना के लागू होने से सेना के मेडिकल ब्रांच के टेक्निकल कैडर के अलावा अन्य सभी सामान्य कैडरों में सैनिकों की नियुक्ति सिर्फ उन्हीं के लिए खुलेगी जिन्होंने बतौर अग्निवीर अपना कार्यकाल पूरा किया है।” सेना ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सेवा काल समाप्त होने से पहले ‘अग्निवीर’ अपनी इच्छा से सेना नहीं छोड़ सकेंगे।