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चार दशक बाद नैनीताल में उपजे सांप्रदायिक तनाव के हालात

नाबालिग हिंदू लड़की के साथ मुस्लिम समुदाय के एक बुजुर्ग के दुष्कर्म करने की घटना के बाद नैनीताल में बुधवार की रात जितना बवाल हुआ, वैसा 1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद कभी नहीं हुआ। भड़के लोगों ने मल्लीताल थाने के निकट मुस्लिम समुदाय की दुकानों में भारी तोड़फोड़ की और थाने के सामने जमकर हंगामा किया।

नैनीताल नगर प्राकृतिक रूप से ठंडी जलवायु और शांति के लिए ही नहीं, बल्कि यहां के लोगों के शांत स्वभाव के लिए भी प्रसिद्ध है। नगर में हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक तनाव की घटना इस रूप में पहली बार सामने आई जब एक संप्रदाय की दुकानों में तोड़फोड़ हुई। जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन हुआ, लाठीचार्ज तक की नौबत आ गई। हालांकि मुस्लिम समाज की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई और मामला तनाव तक ही सीमित रहा। आपसी दंगे का रूप इसने नहीं लिया।

हाल के वर्षों में कुछ अवसरों पर विभिन्न घटनाओं को लेकर हिंदूवादी संगठनों में भारी रोष देखने को मिला, लेकिन मामला धरना-प्रदर्शन के बाद सुलझ गया था। लोगों का मानना है कि बीते दिनों पहलगाम की घटना के बाद हिन्दू समुदाय में रोष था। इसलिए नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना ने आग में घी का काम किया।

इससे पहले मुंबई में आतंकवादी हमले, विभिन्न जगह सीरियल बम ब्लास्ट, गुजरात के गोधरा कांड, अयोध्या में विवादित ढांचे के ध्वस्तीकरण जैसी घटनाओं के दौरान भी नैनीताल में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति बनी रही थी। उत्तराखंड राज्य निर्माण से पहले कुछ अवसरों पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में हिंदू मुस्लिम दंगे भड़के जो अन्य स्थानों पर फैल गए, लेकिन तब नैनीताल तक उनकी आंच नहीं पहुंची थी।

कभी नहीं हुआ हिंदू-मुस्लिम तनाव
नैनीताल में ऐसा सांप्रदायिक तनाव केवल 1984 के सिख विरोधी दंगों में नैनीताल में देखने को मिला था, लेकिन हिंदू मुस्लिम तनाव कभी इस रूप में सामने नहीं आया। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों पर हुए अत्याचारों से नैनीताल भी बच नहीं पाया था और तमाम सिख समुदाय के लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट हुई थी। हालांकि इसका अफसोस यहां के लोगों को आजतक भी सालता है। उस समय यह तनाव और तोड़फोड़ एकतरफा थी। लेकिन बुधवार जैसे हिन्दू मुस्लिम समुदाय के बीच ऐसे हालात पहली बार सामने आए।

सड़क पर ही बदला लेने के लिए आमादा हो गई भीड़
बालिका से बुजुर्ग के दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद लोगों का गुस्सा ऐसा फूटा कि लोग सड़क पर ही बदला लेने के लिए आमादा हो गए। पिछले कुछ समय से तमाम कारणों से गुस्साए लोगों में पहलगाम की आतंकी घटना के बाद जबर्दस्त गुस्सा भरा हुआ था। इसलिए भीड़ ने उपद्रव के दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद के भी नारे लगाए।

बच्ची से दुष्कर्म की घटना की जानकारी पुलिस को देर शाम हुई। पुलिस करीब साढ़े आठ बजे बच्ची को मेडिकल परीक्षण के लिए ले गई तो लोगों को इसकी भनक लगी। धीरे-धीरे भीड़ कोतवाली पहुंचने लगी। नौ बजे तक बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए। ज्यों-ज्यों रात बढ़ने लगी, मामला और गर्म होने लगा। भीड़ धीरे-धीरे अराजक होती गई और बाजार में हर तरफ तोड़फोड़ दिखने लगी।

दूसरे समुदाय के धार्मिक स्थल के सामने भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान लोग पहलगाम की घटना को लेकर भी नारेबाजी करने लगे। कहा कि अराजकतत्व उनके शहर की फिजा खराब कर रहे हैं। धार्मिक स्थल पर पथराव भी किया गया।

वाहन गिराए, घरों के तोड़े शीशे
उग्र भीड़ ने गाड़ी पड़ाव बाजार में खड़े वाहन गिरा दिए। वहां दुकानों के आगे रखे सामान को भी इधर-उधर फेंक दिया। साथ ही कई घरों पर ईंट पत्थर फेंके। इस दौरान कई घरों के शीशे टूट गए। तब पुलिस ने वहां से अराजकता फैला रहे लोगों को खदेड़ा।

पांच सौ मीटर तक फैलाते रहे अराजकता
उग्र भीड़ ने एक किमी में अराजकता फैलाई। कोतवाली और गाड़ी पड़ाव तक कई बार उग्र लोग आते-जाते रहे और पत्थर चलाते रहे। पुलिस एक जगह से भीड़ को हटाती तो लोग दूसरी ओर एकत्र हो जा रहे थे।

दहशत में आ गए लोग
गाड़ी पड़ाव में मकानों पर पथराव के बाद लोग दहशत में आ गए। वहां रहने वाले परिवार खिड़की से ऐसा न करने की गुहार लगाते रहे। पुलिस पहुंची तो भीड़ वहां से भागी।