आम आदमी पार्टी (आप) के संगरूर से सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज संसद में अपना पहला भाषण दिया। मीत हेयर ने अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने प्रतिनिधि बनाकर लोकसभा में भेजने के लिए संगरूर के लोगों का धन्यवाद किया और उन्होंने पंजाब से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।
मीत हेयर ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर बहस में भाग लेते हुए इस बात पर खेद व्यक्त किया कि अभिभाषण में पंजाब का नाम तक नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए दी गई कुर्बानियों में पंजाबियों का 80 प्रतिशत योगदान है। बंटवारे में भी पंजाबियों ने कष्ट झेले। पंजाब के किसानों ने देश के अन्न भंडार भरे और पंजाबी खिलाड़ी लगातार सभी खेलों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
मीत हेयर ने केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के साथ किए जा रहे भेदभाव और पड़ोसी राज्यों को कर रियायतें देकर पंजाब के उद्योगों पर अतिरिक्त दबाव की बात भी कही। उन्होंने आरडीएफ के रोके गए 8000 करोड़ रुपये जारी करने की भी मांग की। मीत हेयर ने अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, हेमंत सोरेन समेत विपक्षी नेताओं को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा परेशान किए जाने का मुद्दा भी उठाया।
उन्होंने अग्निवीर योजना की आलोचना की और कर्मचारियों के कल्याण के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की भी मांग की। हेयर ने कहा कि पंजाबी एक स्वाभिमानी राज्य है। वे भीख नहीं मांगते बल्कि अपने अधिकारों के लिए हमेशा आवाज उठाते हैं। हमारे किसान को हरियाणा से आगे जाकर अपनी चुनी हुई सरकार से मिलने और अपना हक मांगने की इजाजत नहीं दी गई।
मीत हेयर ने कहा कि आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बातें हो रही हैं, लेकिन असल में पंजाब के किसानों ने भारत को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाया है। जब देश को अमेरिका से अन्न के लिए मदद मांगनी पड़ी, तब पंजाब ने हरित क्रांति लाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाया। हमें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी है। हमारी जमीन जहरीली हो गई और जलस्तर 400 से 500 फीट नीचे चला गया, लेकिन अत्यंत दुख की बात यह है कि हरित क्रांति लाने वाले किसानों को आज दिल्ली आने से रोका जा रहा है और वे कई महीनों से सड़कों पर बैठे हैं।