विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी ने एक बार फिर बीजेपी से पंगा ले लिया है. साहनी ने फिर से बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी ने अप्रैल में होने वाली बिहार की 24 एमएलसी (MLC) सीटों में से सात पर चुनाव लड़ने की घोषणा करके बिहार में गठबंधन सहयोगी बीजेपी (BJP) को फिर से ललकारा है. एमएलसी की सभी सात सीटों पर साहनी ने वीआईपी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का फैसला किया है. हालांकि, साहनी ने 11 सीटों पर जेडी (यू) और एक सीट पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के उम्मीदवारों को समर्थन देने का फैसला किया है. साहनी वर्तमान में बिहार सरकार में पशुपालन और मत्स्य संसाधन मंत्री हैं, उनकी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) से चार विधायक हैं. वीआईपी के समर्थन से एनडीए के 243 के सदन में 127 विधायक हैं. साहनी ने कहा “हम एक स्वतंत्र राजनीतिक दल हैं और बिहार और राज्य के बाहर इसके विस्तार का प्रयास करने के सभी अधिकार हैं.”
VIP ने बजेपी के खिलाफ 7 सीटों पर उतारे अपने उम्मीदवार
दिलचस्प बात यह है कि वीआईपी जिन सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है उन पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. सहनी को 2020 विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर राजग में शामिल किया गया था. उस समय वह राजद-नीत महागठबंधन को छोड़कर शाह से मिलने गए थे. हाल में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सहनी और भाजपा के रिश्ते में खटास आ गई थी.
सहनी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसका प्रदर्शन फीका रहा था. इसके साथ ही भाजपा पर किये गए जुबानी हमलों की वजह से यहां कई नेता सहनी से नाराज जान पड़ते हैं.
वीआईपी ने MLC की इन सीटों पर उतारे उम्मीदवार
मुकेश सहनी के इस कदम को लेकर माना जा रहा कि VIP अब बीजेपी से आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में है. बिहार विधान परिषद के लिए होने वाले चुनाव में वीआईपी ने सात उम्मीदवार तय कर दिए हैं. वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बताया कि पार्टी ने समस्तीपुर से आदर्श कुमार, बेगूसराय -खगड़िया से जय राम सहनी, सहरसा-मधेपुरा- सुपौल से चंदन कुमार, सारण से बालमुकुंद चौहान को उम्मीदवार बनाया है. वहीं रोहतास -कैमूर से गोविंद बिंद, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज से श्यामा नंद सिंह और दरभंगा से बैद्यनाथ सहनी को उम्मीदवार बनाया है.
नीतीश सरकार को VIP से कोई खतरा नही!
नीतीश कुमार सरकार को वीआईपी समर्थन के बिना भी फिलहाल कोई खतरा नहीं है. नीतीश सरकार से बाहर निकलने की वीआईपी की संभावना नहीं है क्योंकि इसके चार में से तीन विधायक बीजेपी के समर्थक बताए जाते हैं. वीआईपी ने 12 में से चार सीटों पर चुनाव लड़ा था. साहनी, हालांकि चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें मंत्री और बाद में एमएलसी बनाया गया था.