टी-20 और एकदिवसीय कप्तानी विवाद ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। भारतीय क्रिकेट टीम में इस समय कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। कुछ नाराजगी तो टीस अभी भी बनी हुई है। विराट कोहली की जगह रोहित शर्मा को टी-20 और एकदिवसयी टीम का कप्तान बनाया गया। विराट कोहली को एकदिवसीय कप्तानी से हटाये जाने के बाद विवाद बढ़ गया। कोहली और बीसीसीआई के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा था कि उन्होंने कोहली को टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा था जबकि कोहली ने इस बात से इनकार कर दिया। उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि टी-20 कप्तानी नहीं छोड़ने को लेकर कोई मना नहीं किया था। उन्हें एकदिवसीय कप्तानी से हटाने को तरीका भी ठीक नहीं था।
ऐसे में अब कोहली और बीसीसीआई के बीच तनाव काफी गहरा गया है। कोहली के बयान के बाद गांगुली ने सिर्फ यही कहा है कि भारतीय बोर्ड इस मामले को संभाल लेगा। आप इसे हम पर छोड़ दीजिए। सच तो यह है कि जो कोच जाॅन राइट और ग्रेग चैपल का दौर ताजा हो गया। ग्रेग चैपल बड़े खिलाड़ी और श्रेष्ठ कोच थे। वह टीम पर भी अच्छा नियंत्रण रखते थे। उनके सख्त अनुशासन और अभ्यास से कई खिलाड़ी नाराज भी रहते थे। उस दौरान टीम में गुटबंदी भी हुई थी।
गांगुली को अपने अनुभव से सीखना चाहिए
कप्तानी विवाद और विराट कोहली तथा सौरभ गांगुली के बयानों के बीच 1983 के वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे कीर्ति आजाद ने भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में गांगुली को अपने अनुभव से बहुत कुछ सीखना चाहिए और आगे आकर कोहली से बात कर मामला सुलझाना चाहिए।
बीसीसीआई सेलेक्टर रहे कीर्ति आजाद ने कहा कि मुझे याद है कि बिशन सिंह बेदी और सुनील गावस्कर को किस तरह से कप्तानी से हटाया था। वेंकटराघवन तो फ्लाइट में थे… तब पता चला था कि उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया है। कम से कम सौरव गांगुली को तो अपने अनुभव से सीखना चाहिए।
स्पेशल बल्लेबाज हैं विराट कोहली
कीर्ति आजाद ने कहा कि मुझे याद है कि जब ग्रैग चैपल टीम इंडिया के कोच थे, तब गांगुली को कप्तानी से हटाया गया था। उस दौर में मैंने गांगुली का सपोर्ट किया था। उन्हें अपने खुद के अनुभव से सीखना चाहिए और जल्द से जल्द कोहली से बात करना चाहिए। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि विराट का मामला स्पेशल है, लेकिन हां, वह एक स्पेशल बल्लेबाज और क्रिकेटर जरूर हैं।