उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले सियासी गठबंधन का राजनीतिक दल मजबूत कर रहे हैं। समजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुके सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने अब बीजेपी को हराने के लिए की योजना बना रहे हैं। उन्हांेने असदुद्दीन ओवैसी से बीजेपी को हराने के लिए मदद मांगी है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के साथ गठबंधन में शामिल हो जायें। उन्होंने कहा कि वे गठबंधन में शामिल होते हैं तो उन्हें 5-10 सीटें दी जाएंगी। राजभर ने कहा कि 100 सीटों पर चुनाव लड़ने से उन्हें जीत नहीं मिलेगी। 5-10 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं तो उनका जीतना तय है।
राजभर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 100 सीटों पर मत लड़िए। 100 सीट कोई भी पार्टी नहीं देगी। हमने कहा कि 100 सीट मत मांगिए, कोई नहीं देगा। 10 सीट पर लड़ना है तो बताइए फिर बात करें। ओवैसी लोकसभा सांसद हैं और हिंदुस्तानी हैं। उनसे गठबंधन में हर्ज नहीं। ओम प्रकाश राजभर भाजपा के खिलाफ ओवैसी को प्रस्ताव दिये हैं।
गुमराह कर रहे हैं ओमप्रकाश राजभर
राजभर के इस बयान के बाद ओवैसी और बीजेपी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया भी आई। वसीम वकार ने राजभर के बयान को भ्रम फैलाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बताएं कि वो कौन सी 10 सीटें हैं जो वे हमें देंगे। उन्होंने कहा कि राजभर सिर्फ गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उधर बीजेपी ने भी राजभर के बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि आज पता चल गया कि ओवैसी किसकी बी टीम हैं। ओवैसी के लिए काम करने वालों को जनता पहचानती है।
बीजेपी ने ओवैसी को बताया सपा की बी टीम
योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ओमप्रकाश राजभर के बयान से यह साबित हो गया है कि ओवैसी बीजेपी की बी टीम नहीं है बल्कि सपा की बी टीम है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि बी टीम का जो सच था वह अब लोगों के सामने आ गया है। उन्होंने कहा है कि सपा और एआईएमआईएम व अन्य दल एक साथ मिलकर प्रदेश में सांप्रदायिकता का माहौल बना रहे हैं। वह प्रदेश में माहौल खराब कर रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी तो सांप्रदायिकता फैलाने के माहिर है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि यूपी चुनाव में जितनी सांप्रदायिक नौटंकी कर सकते हैं ओवैसी करेंगे, उससे जो लाभ है वह समाजवादी पार्टी को मिले इस दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा है चुनाव में जनता ही इस मामले में कोई फैसला करेगी।